पार्टी मुख्यालय में पीएम मोदी ने कहा, महाराष्ट्र में विकासवाद और सुशासन की हुई जीत, ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ बना महामंत्र

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महाराष्ट्र में पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूटा, तुष्टिकरण की हार: पीएम मोदी महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है. गठबंधन ने 228 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. 6 सीटों पर बढ़त बना रखी है. इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

इस जीत पर पीएम मोदी ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पीएम ने कहा, महाराष्ट्र में पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूटा है. तुष्टिकरण की हार हुई है. विकासवाद और सुशासन की जीत हुई है. सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है. आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है. विभाजनकारी ताकतें हारी हैं. आज परिवारवाद की हार हुई है.

पीएम मोदी ने कहा,यह लगातार तीसरी बार है जब बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि है.यह जीत बीजेपी के शासन मॉडल पर मुहर है.महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी को कांग्रेस और उसके सहयोगियों से भी ज्यादा सीटें दी हैं. इससे पता चलता है कि जब सुशासन की बात आती है तो देश सिर्फ बीजेपी और एनडीए पर भरोसा करता है.

महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने सोचा था कि संविधान और आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर एसटी-एसटी और ओबीसी को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे.कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है.महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’.इस धरती ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए

पीएम ने कहा, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव ने एकजुटता का संदेश दिया है. ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ ये आज देश का महामंत्र बन चुका है. छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू जी महाराज, महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहब ठाकरे… ऐसे महान व्यक्तित्व की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी भी प्री-पोल अलायंस के लिए सबसे बड़ी जीत है.

वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इंडिया गठबंधन वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं. ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते. ये लोग आज भी देश के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं. देश का वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ है, जो ‘कुर्सी फर्स्ट’ का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता.

-साभार सहित


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