फिल्मों में आजकल दिखाए जा रहे डांस और गानों के रीमिक्स से भी बहुत दुखी हैं आशा पारेख

Entertainment

आशा पारेख को इस बात का दुख है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अब डांस के मामले में अपनी संस्कृति और जड़ों को भूल रही है। हालांकि उन्होंने Sanjay Leela Bhansali को इस मामले में अपवाद बताया। आशा पारेख ने ये सारी बातें ‘कनेक्ट एफएम कनाडा’ के साथ बातचीत में इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ बोस्टन के दौरान कहीं। यहां आशा पारेख ने न सिर्फ आजकल की बॉलीवुड फिल्मों में दिखाए जाने वाले डांस पर दुख जताया बल्कि ओरिजनल फिल्मों के बन रहे रीमिक्स पर भी आपत्ति जताई।

अपनी संस्कृति भूल रहे, वेस्टर्न की नकल कर रहे: आशा पारेख

दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित आशा पारेख ने डांस को लेकर कहा, ‘हम लोग अपना जो डांस है, वो भूल गए हैं। हम क्या कर रहे हैं कि हम वेस्टर्न डांस को कॉपी कर रहे हैं। संजय लीला भंसाली एक अपवाद हैं। उनकी फिल्मों में और डांस में आप काफी हद तक हमारी संस्कृति देख पाते हैं। आप सभी मुझसे इस बात से सहमत होंगे कि आजकल हम जिस तरह का डांस देख रहे हैं, वो हमारा स्टाइल नहीं है। यह हमारा संस्कृति नहीं है। हमारे डांस की इतनी समृद्ध परंपरा है। हर स्टेट का अपना डांस स्टाइल है। और हम क्या कर रहे हैं? हम वेस्टर्न डांस स्टाइल की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं।’

डांस ही नहीं गानों के रीमिक्स से भी नाराज आशा पारेख

आशा पारेख ने आगे कहा, ‘कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम एरोबिक्स कर रहे हैं, हम डांस नहीं कर रहे हैं। यह देखकर मेरा दिल दुखता है।’ आशा पारेख ने गानों के रीमिक्स पर भी आपत्ति जताई। न सिर्फ उनके कई गानों को अब तक रीमिक्स किया गया जा चुका है। आशा पारेख ने कहा, ‘रीमिक्स बहुत ही खराब हैं। जो मिठास गाने की ओरिजनल में है, वो रीमिक्स में नहीं। जब रीमिक्स करते हैं तो सिर्फ ड्रम्स बजते हैं और वो सारे मीठे शब्द निकल जाते हैं।’

चाइल्ड आर्टिस्ट से शुरुआत, ‘दिल देके देखो’ ने दिया स्टारडम

आशा पारेख ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी। बचपन से ही वह क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग भी ले रही थीं। कुछेक फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करने के बाद आशा पारेख ने पढ़ाई खत्म करने के लिए ब्रेक ले लिया था। इसके बाद नासिर हुसैन ने आशा पारेख को फिल्म ‘दिल देके देखो’ से हीरोइन के तौर पर लॉन्च किया। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और फिर आशा पारेख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

डांस स्कूल चलाती हैं आशा पारेख

आशा पारेख ने अपने दशकों लंबे करियर में कई हिट फिल्में दीं। साल 1992 में उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। आशा पारेख को अब 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में दादासाहेब फाल्के सम्मान दिया गया। 1999 से वह एक्टिंग से दूर हैं। रिटायरमेंट लेने के बाद से आशा पारेख एक डांस स्कूल चला रही हैं।

-एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.