पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला केस में ईडी ने ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है। वहीं अर्पिता मुखर्जी ने जांच एजेंसियों से कथित तौर पर दावा किया है कि पार्थ चटर्जी उनके घर में पैसे जमा करते थे। उन्होंने कहा कि मेरे घर को चटर्जी ने “मिनी-बैंक” की तरह इस्तेमाल किया।
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को जानकारी दी है कि एक कमरे में सारा पैसा जमा हो जाता था और उस कमरे में केवल पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही अंदर जाते थे। सूत्रों ने बताया कि अर्पिता ने दावा किया कि मंत्री हर हफ्ते या हर 10 दिन में उनके घर आते थे। कथित तौर पर अर्पिता मुखर्जी ने जांचकर्ताओं को बताया कि पार्थ ने मेरे घर को मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल किया।
उन्होंने दावा किया कि मंत्री ने कभी यह नहीं बताया कि कमरे में कितने पैसे थे। अर्पिता मुखर्जी ने बताया कि पार्थ चटर्जी से उनकी मुलाकात एक बंगाली अभिनेता ने करवाई थी, दोनों 2016 से करीब थे।
सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ने स्वीकार किया कि बरामद पैसा तबादलों और कॉलेजों को मान्यता दिलाने के तौर पर मिले थे। हालांकि यह पैसा मंत्री के जरिए न आकर हमेशा दूसरों के जरिए आता था।
हालांकि अर्पिता मुखर्जी के वकीलों द्वारा अदालत में अगली सुनवाई के दौरान ईडी के इस कथित दावे का खंडन करने की संभावना है। वकीलों ने मीडिया को जांच की जानकारी लीक करने के लिए ईडी पर निशाना साधा है।
बता दें कि ईडी को छापेमारी के दौरान पूर्व अभिनेता-मॉडल और ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये नकद मिले थे। जिसके एक दिन बाद चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने हिरासत में ले लिया था।
शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर ईडी टीएमसी विधायक मानिक भट्टाचार्य को भी सम्मन भेजा है। जिसके चलते वो 27 जुलाई की सुबह 10 बजे के करीब ईडी ऑफिस पहुंचे। हालांकि टीएमसी विधायक को ईडी ने 12 बजे का समय दिया था।
-एजेंसी
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