नई दिल्ली। रामलीला मैदान में आज रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना सैयद अरशद मदनी के विवादित बयान से आहत मंच पर मौजूद जैन मुनि लोकेश मुनि के साथ साथ अन्य धर्मगुरुओं ने भी मंच छोड़ दिया।
इसके बाद नाराज आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) सहित अन्य धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ते हुए मदनी को चेतावनी देते हुए जमकर लताड़ लगाई।
मदनी के विवादित बयान पर जवाब देते हुए जैन गुरु लोकेश मुनि ने मंच से कहा, “प्यार मोहब्बत की बात स्वामी चिरनानंद सरस्वती महाराज जी ने की। एक माहौल बनाया, मैंने भी अपने विचार रखे, संयोजक सुशील महाराज ने बड़ी ही प्यार मोहब्बद की बातें की, हमारे सिख समाज से परमजीत सिंह ने बड़ी ही प्यार-मोहब्बत की बातें कीं कितुं उसके बाद मदनी साहब का जो वक्तव्य हुआ, हम कोई उससे सहमत नहीं हैं।”
साथ ही मुनि ने कहा, “मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि हमें केवले जोड़ने की बात करनी है, तो केवल प्यार-प्यार मोहब्बत कीजिए। ये जितनी भी कहानी सुनाई है. अल्लाह, मनु ये वो.. उससे चार गुना कहानी मैं सुना सकता हूं। मदनी साहब आप मेरे पिता तुल्य हैं, मैं आपको चुनौती देता हूं, आप दिल्ली आईये.. या आप मुझे सहारनपुर बुला लीजिए, मैं सहारनपुर आऊंगा, मैं आपसे निवेदन करूंगा।”
भरे मंच से लोकेश मुनि ने कहा, “जैन धर्म के 24वें तीर्थंतर भगवान महावीर हुए। उससे पहले भगवान पारस 23वें रहे। पहले भगवान ऋषभ थे जिनके पुत्र भरत थे जिनके आधार पर ही इस देश का नाम भारत पड़ा है। आप इसे मिटा नहीं सकते हैं। आपने जो बात कही है. मैं सहमत नहीं हूं। मेरे सारे सर्वधर्म के लोग कोई इससे सहमत नहीं है। हम केवल इस बात पर सहमत हैं कि आपस से मिल जुलकर रहें। प्यार से रहें… इसके अलावा ये जो कहानी अल्लाह.. मनु और उसकी औलाद ये सब फालतू की बाते हैं, सारा पलीता लगा दिया।” एकता के सद्भावना के सम्मेलन में। यह कहकर वो मंच छोड़कर चले गए।
– एजेंसी
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