बाबा अमरनाथ के लाखों भक्तों के लिए अच्छी खबर है। हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू होगी और 11 अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर समाप्त होगी। इस यात्रा कोश श्रद्धालुओं के लिए अनुकूल बनाने के लिए काम युद्ध स्तर पर जारी है।
जम्मू कश्मीर सरकार और अमरनाथ श्राइन बोर्ड इस बार साथ-साथ यात्रियों की सुविधा के लिए नए प्रयास कर रही है। बता दें कि 3 जून को पवित्र अमरनाथ गुफा पर पहली पूजा के साथ ही इस साल की यात्रा के लिए गुफा को खोल दिया गया है। सम्पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ गुफा पर विधि अनुसार पूजा हुई, जिसमें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वर्चुअल्ली शामिल हुए। मिली जानकारी के मुताबिक इस बार की अमरनाथ यात्रा कई मायनों में अब तक की यात्रा से अलग होगी।
खराब मौसम बन रहा चुनौती
भक्तों को असुविधा न हो, इसके लिए दिन-रात ट्रैक पर काम करने वाले बताते हैं की लगातार खराब मौसम से काम करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अभी भी पूरे रास्ते पर लगभग 20 फीट बर्फ मौजूद है और नई बर्फ गिरने के चलते काम पर असर पड़ता है। बता दें कि, पिछले दो महीने से बड़ी संख्या में मजदूर सड़क को साफ़ कर रहे हैं और काम की रफ़्तार को देखते हुए उम्मीद है कि 15 से 20 जून तक रास्ता पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
यहां हर रोज़ होने वाली बारिश और बर्फ़बारी के बावजूद भी मज़दूर काम पर लगे हैं। अभी तक तीर्थयात्री चंदनवारी से पहलगाम में गुफा मंदिर तक 20 किमी और बालटाल से मंदिर तक 14 किमी की पैदल यात्रा करते हैं और अधिकांश तीर्थयात्रियों के लिए यह बहुत कठिन यात्रा है। 50 साल से अधिक उम्र वाले भक्त इस रास्ते को आसानी से पार नहीं कर पते थे।
इस साल अप्रैल में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अमरनाथ मंदिर के लिए एक सड़क परियोजना की घोषणा की जो यात्रा ट्रैक पर संगम टॉप के माध्यम से पहलगाम और सोनमर्ग को जोड़ेगी। इस सड़क के बन जाने के बाद गाड़ियाँ तीर्थयात्रियों को संगम की चोटी तक ले जाएगी, जहां से गुफा तक की यात्रा केवल 2-3 किलोमीटर ही रह जाएगी। सरकार के इस कदम से भोलेनाथ के भक्त काफी प्रसन्न होंगे क्योंकि 2-3 किलोमीटर पैदल को कोई भी आम आदमी आसानी से हर रोज चलता है ऐसे में उन्हें इस दूरी को तय करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी।
फरवरी से शुरू है तैयारी
हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारी बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने फरवरी के महीने से ही शुरू कर दी थी और अमरनाथ गुफा तक बर्फ को साफ करने का काम शुरू किया। पूरे ट्रैक पर 25 से 30 फुट ऊंची बर्फ की दीवारों को काट कर रास्ता बनाया गया। इन बर्फ की दीवारों को काटने में मजदूरों को काफी संघर्ष करना पड़ा ।
इस काम में पहली बार बड़े-बड़े बुलडोज़र का इस्तेमाल किया गया, जिनको चिनूक हेलीकाप्टर की मदद से गुफा तक के रास्ते पर लाया गया। बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के अनुसार इस समय करीब 1300 मज़दूर, 4 छोटे बुलडोज़र और 2 हैवी एक्सकैवेटर दिन-रात काम कर रहे हैं,ताकि तैयारी 1 जुलाई से पहले पूरी हो जाए।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.