कर्नाटक के हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले हाई कोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला लिया है। वकील उमापति एस ने आरोप लगाया कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक वीडियो संदेश मिला जिसमें मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी को हत्या की खुली धमकी दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम की जरूरी हिस्सा नहीं है। ऐसे में उसे क्लास के अंदर पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस फैसले के बाद राज्य सरकार के अनुसार स्कूलों में सभी स्कूल ड्रेस में आना होगा। हिजाब पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
जज को कुचलकर मारने वाली घटना का जिक्र
वकील उमापति एस ने कहा कि मैं वीडियो और इसकी सामग्री को देखकर चौंक गया था इसलिए मैंने तुरंत (उच्च न्यायालय) रजिस्ट्रार से संपर्क किया। रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में वकील ने कहा कि मुझे अपने संपर्कों से सुबह 9:45 बजे व्हाट्सएप वीडियो संदेश मिला। वीडियो संदेश तमिल भाषा में है और इसे सुनने के बाद मैं हत्या और लक्ष्य के खुले खतरे को जानकर चौंक गया।
वकील ने आरोप लगाया कि वीडियो एक खुली सार्वजनिक बैठक में तमिलनाडु (शायद मदुरै जिले) में बनाया गया है। जहां स्पीकर झारखंड राज्य में चलते समय माननीय न्यायाधीश की हत्या के बारे में लोगों को बताता है। झारखंड में पिछले साल जुलाई में एक ऑटोरिक्शा ने जानबूझकर एक जज को कुचलकर मार डाला था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वीडियो में कहा जा रहा है कि जज सुबह टहलने के लिए कहां जाते हैं।
सभी जजों को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी
जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कोवई रहमतुल्लाह को तिरुनेलवेली में गिरफ्तार किया गया जबकि 44 वर्षीय एस जमाल मोहम्मद उस्मानी को तंजावुर में हिरासत में लिया है। कई धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के संगठन कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जजों को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी देने का फैसला लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने बयान में कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने डीजी और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहन जांच करने का निर्देश दिया है जिसमें कुछ लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी।
-एजेंसियां