होम-ऑटो समेत सभी लोन होंगे महंगे, आरबीआई ने दिया बड़ा झटका

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नई दिल्ली। होम-ऑटो या फिर पर्सनल लोन लेने वालों के लिए बुरी खबर है। बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ा दिया है।अब लोन महंगे हो जाएंगे। 22 मई 2020 से ये दरें अपरिवर्तित थीं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि तत्काल प्रभाव से नीतिगत रेपो दरों में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया जा रहा है। बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया है।

4.40 फीसदी की गई रेपो-दर

इस बढ़ोतरी के बाद लंबे से चार फीसदी पर स्थिर रेपो दरें बढ़कर 4.40 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशिया (सीआरआर) में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है,यह 4.50 फीसदी कर दिया गया है। नई दरें 21 मई से लागू की गई हैं।एमपीसी ने ब्याज दरों में इजाफा करने के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मतदान किया और इसके बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बढ़ोतरी करने का आदेश जारी कर दिया। दास ने बताया कि कमोडिटीज और वित्तीय बाजारों में जोखिम और बढ़ती अस्थिरता जैसे कारणों के चलते ये कदम उठाया गया है।

ग्राहकों पर बढ़ेगा ईएमआई का बोझ

रेपो दरों में इस इजाफे से लोन लेने वाले ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है। दरें बढ़ने के बाद अब होम, ऑटो और पार्सनल लोन महंगे हो जाएंगे और ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा। गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से अधिक है और ऋण-से-जीडीपी अनुपात कम है। अप्रैल महीने में महंगाई आरबीआई के पूर्वानुमान से काफी ऊपर निकल चुकी है। मार्च के आंकड़े देखें तो देश में खुदरा महंगाई 6.95 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है, जबकि थोक महंगाई 17 महीने के हाई पर काबिज है।

सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा लुढ़का

आरबीआई के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने के फैसले का त्वरित असर शेयर बाजारों पर देखने को मिला है और पहले से गिरावट के साथ कारोबार कर रहा स्टॉक मार्केट भर भराकर गिर गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सूचकांक फैसले के तुरंत बाद 1000 अंक टूटकर और 56 हजार के नीचे पहुंच गया। फिलहाल, सेंसेक्स 1070 अंक फिसलकर 55,864 के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है।

अचानक बुलाई गई आरबीआई की बैठक

आरबीआई की ये बैठक पूर्व निर्धारित नहीं थी,बल्कि अचानक की गई और इसमें लिया गया फैसला आम आदमी के लिए जोरदार झटका है।बीती आठ अप्रैल को हुई एमपीसी की बैठक में रेपो दरों को लगातार 11वीं बार यथावत रखा गया था,लेकिन इसमें बढ़ोतरी के संकेत आरबीआई गवर्नर ने उसी समय दे दिए थे। बैठक के बाद बताया गया था कि समिति के सदस्यों ने बढ़ती महंगाई और इस नियंत्रित करने के उपायों पर गहन चर्चा की गई है।

पूर्व रिपोर्टो में जताया गया था अनुमान

इसके अलावा बीते दिनों रिसर्च फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में भी ये अनुमान जताया गया था कि बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो दरों में इजाफा करने का बड़ा फैसला ले सकता है।रिपोर्ट में जून में होने वाली एमपीसी बैठक में इस बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी,लेकिन आरबीआई ने बुधवार को आनन-फानन में बैठक बुलाकर रेपो दरों और सीआरआर में बढ़ोतरी कर सबको चौंका दिया।

-एजेंसी