मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके सहयोगी आजम खान के दीपोत्सव को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह बयान उनकी विकृत मानसिकता और जनता की आस्था के प्रति उपहास का प्रतीक है।
लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव का यह कहना कि “रोशनी के बाद का अंधेरा अच्छा नहीं” उनकी नकारात्मक सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “असल अंधेरा तो अखिलेश यादव की सोच में है, जो भगवान श्रीराम के नाम से हमेशा असहज हो जाते हैं।”
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जब अयोध्या की धरती करोड़ों दीपों की रौशनी से जगमगा रही थी, तब सपा नेता उस उजाले में भी अंधकार ढूंढ़ रहे थे। उन्होंने आजम खान के बयान “जो लोग दीये सकते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं” को न केवल आपत्तिजनक, बल्कि दीपोत्सव के पवित्र भाव का अपमान बताया।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि दीप जलाना भारतीय संस्कृति में शुभता, सकारात्मकता और प्रेम का प्रतीक है, लेकिन सपा नेताओं को यही उजाला चुभ रहा है। उन्होंने कहा, “अयोध्या आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भव्यता, स्वाभिमान और आस्था का नया अध्याय लिख रही है, जबकि समाजवादी नेताओं की बयानबाजी उनके भीतर के अंधकार और नकारात्मक राजनीति को उजागर करती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि “जो भी सनातन और भगवान श्रीराम का अपमान करेगा, जनता उसे राजनीति के अंधकार में भेज देगी।”
भूपेंद्र सिंह ने आगे कहा कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की सोच सनातन विरोधी और हिंदू धर्म विरोधी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं का एजेंडा हमेशा हमारी संस्कृति को कलंकित करने का रहा है।
रामगोपाल वर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गाज़ा जैसे अंतरराष्ट्रीय विषयों पर अपनी राय रखना ठीक है, लेकिन दीपोत्सव और हिंदू आस्था पर टिप्पणी करना अनुचित है।
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य को कोई गंभीरता से नहीं लेता। वे राजनीतिक रूप से हाशिए पर हैं और इस तरह की बयानबाजी कर सिर्फ चर्चा में बने रहना चाहते हैं।”
(रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह, मुरादाबाद)

