बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक आकासा एयर से इस्तीफा देने वाले पायलट्स ने अनिवार्य नोटिस पीरियड को सर्व नहीं किया है। नियमों के मुताबिक फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए नोटिस पीरियड छह महीने और कैप्टन के लिए एक साल है।
कंपनी ने कोर्ट से अपील की है कि वह एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) को अनिवार्य नोटिस पीरियड से जुड़े नियमों का पालन करने के लिए एम्पावर करे। डीजीसीए के वकील ने कहा कि रेगुलेटर इसमें कुछ नहीं कर सकता है क्योंकि पायलट्स ने अनिवार्य नोटिस पीरियड से जुड़े नियमों को कोर्ट में चुनौती दी है।
कोर्ट में दलील
सूत्रों के मुताबिक आकासा के एक अधिकारी ने एक प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पायलट्स का नोटिस पीरियड सर्व किए बिना जाना अनैतिक है। पायलट यूनियनों ने आकासा एयर की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले का रेगुलेटर से कोई लेनादेना नहीं है। यह पायलट और एयरलाइन के बीच कॉन्ट्रैक्ट का मामला है। इस पर आकासा एयर के वकील ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में केवल नोटिस पीरियड का मामला उठाया है। हम केवल नोटिस पीरियड को लागू करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘कोई भी इस बात से इन्कार नहीं कर रहा है कि आज संकट की स्थिति है और इसका समाधान निकालने की जरूरत है। डीजीसीए भी इस बात से सहमत है कि यह संकट की स्थिति है और अगर कोर्ट कोई फैसला देता है तो वह इसका पालन करेगा। पायलट को प्रशिक्षण देने में सात से आठ महीने लगते हैं। पायलट्स को आसानी से रिप्लेस नहीं किया जा सकता है।’ देश में एविएशन सेक्टर संकट से जूझ रहा है। मई में गो फर्स्ट इनसॉल्वेंसी में चली गई जबकि स्पाइसजेट भी नकदी संकट से जूझ रही है।
Compiled: up18 News
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