श्रीलंका में UPI के इस्तेमाल को लेकर हुआ समझौता, PM मोदी बोले… हमारे संबंध प्राचीन और व्यापक

Exclusive

वहीं दोनों देशों के रिश्तों पर बात करते हुए PM मोदी बोले- हमारे संबंध प्राचीन और व्यापक हैं। श्रीलंका और भारत के बीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। पैसेंजर फेरी सर्विस शुरु होंगी। इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड पर काम होगा।

Pm मोदी ने कहा- पिछला 1 साल श्रीलंका के लिए चुनौतियों से भरा रहा। हम कठिन समय में वहां के लोगों के साथ खड़े रहेंगे। हमें उम्मीद है कि श्रीलंका की सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करके समानता, न्याय और शांति के प्रोसेस को आगे बढ़ाएगी। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘SAGAR’ विजन दोनों में श्रीलंका का महत्वपूर्ण स्थान है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बयान की बड़ी बातें…

पिछले एक साल में श्रीलंका ने कई आर्थिक, समाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया। मैंने इनसे निपटने के लिए कई मोर्चों पर अलग-अलग रिफॉर्म्स इंट्रोड्यूस किए। आज मैंने PM मोदी को इन सब बातों से अवगत कराया।

PM मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार विकास कर रहा है। आर्थिक बुनियादी ढांचे और तकनीक के क्षेत्र में भारत ने नई बुलंदियों को छुआ है। मैं इसके लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।

हमारा मानना ​​है कि भारत की वृद्धि पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी।

श्रीलंका के कठिन समय में PM मोदी, भारत सरकार और यहां के लोगों ने हमारा साथ दिया। मैं इसकी सराहना करता हूं।

PM मोदी और मेरा मानना है कि भारत के दक्षिणी हिस्से से श्रीलंका तक मल्टी-प्रोजेक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन बनने से श्रीलंका में एनर्जी रिसोर्स की सप्लाई बेहतर होगी।

NSA अजित डोभाल, अडाणी से भी मिले विक्रमसिंघे

इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति ने NSA अजित डोभाल और बिजनेसमैन गौतम अडाणी से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों के बीच कोलंबो पोर्ट को लेकर चर्चा हुई।

गुरुवार शाम को भारत पहुंचे विक्रमसिंघे का क्रेंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने स्वागत किया था। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।

विक्रमसिंघे आज भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। उनकी ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना का 75वां साल मना रहे हैं।

भारत दौरे से पहले रुपए को कॉमन करेंसी बनाने पर मंजूरी दी

भारत दौरे से पहले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसंघे ने कहा था कि श्रीलंका भारतीय रुपए का भी उतना ही इस्तेमाल होते देखना चाहता है जितना अमेरिकी डॉलर का होता है। उन्होंने कहा था अगर रुपए का इस्तेमाल कॉमन करेंसी के रूप में होगा तो इससे हमें कोई ऐतराज नहीं है। हमें ये देखना पड़ेगा कि इसके बाद हमें क्या जरूरी बदलाव करने होंगे।

विक्रमसिंघे ने कहा था- जैसे जापान, कोरिया और चीन सहित पूर्वी एशिया के देशों में 75 साल पहले बड़े पैमाने पर विकास हुआ, वैसे ही अब भारत और हिन्द महासागर के क्षेत्र की बारी है। दुनिया विकसित हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में भी तेजी से विकास हो रहा है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति का यह बयान कोलंबो में इंडियन CEO फोरम को संबोधित करते हुए आया था।

Compiled: up18 News