आगरा। ट्रांसपोर्ट चेंबर की कैंप कार्यालय सेवला पर हुई बैठक में ट्रांसपोर्टर्स के निरन्तर उत्पीड़न पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा गया कि रोड पर चलते वाहनों से और स्थानीय परिवहन विभाग कार्यालयों पर खुली लूट की जा रही है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए ट्रांसपोर्ट चैम्बर के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछले 30 महीने (कोरोनाकाल के प्रारम्भ) से ही ट्रेड संकट से जूझ रहा है। डीजल के मूल्यों में लगभग 30 रुपये प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि, टोल टैक्स की दरों में वृद्धि होने के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों में परिवहन विभाग के चेक पोस्ट लगाकर अथवा चलते हुए वाणिज्य वाहनों से परिवहन अधिकारियों द्वारा खुली लूट की जा रही है। ऐसा मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा आदि प्रांतों में निरंतर हो रहा है। इसकी जानकारी समय-समय पर सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों और मंत्रियों को दिए जाने पर भी वाहन चालकों के साथ लूट बन्द नही हुई है।
बैठक में उपाध्यक्ष अशोक बंसल ने कहा कि मल्टी एक्सल वाहन जरूरत के अनुसार अधिकतम माल केपेसिटी के उपलब्ध है, फिर भी परिवहन विभाग और टोल बैरियरों की सांठ-गांठ से ओवरलोड माल टोल नाकों से निकल रहा है।
सचिव गिरीश अग्रवाल ने कहा कि सभी प्रदेशों में परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बने हुए हैं। सभी कार्यों को कंप्यूटर से निपटाने के बाबजूद बिना लेनदेन किए कोई भी काम कराना आसान नहीं है। बैठक में केंद्र सरकार से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के मूल्यों में आई गिरावट का लाभ डेढ़ की जनता को दिलवाने की मांग की गई। टोल की दरों को भी कम किए जाने और टोल नाकों से ओवर लोड वाहनों को रोकने की मांग की गई।
बैठक में वासदेव मित्तल, गोबिंद बिंदल, अरुण चौहान, मुकेश प्रधान, डीडी मित्तल, चिंटू अरोरा, बॉबी मित्तल, रोहित बंसल, देवेंद्र सिंह मौजूद रहे।
-up18news
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