–सीएमओ ने मीडिया कार्यशाला में टीबी रोग के बारे में डाला प्रकाश
-टीबी से लड़ने के लिए संसाधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई
आगरा: विश्व क्षय रोग दिवस के तहत बुधवार को जिला क्षय रोग केंद्र आगरा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाने और क्षय रोग के संक्रमण के बारे में जागरुकता पर जोर दिया गया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस की थीम “हां हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं” के साथ मनाया जाएगा। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश कर रही है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रही है कि ऐसी सुविधायें दूर-दराज के इलाकों में भी उपलब्ध हों। जिससे आमजन को लाभ प्राप्त हो सकें। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनसहभागिता से टीबी मुक्त भारत की कल्पना की जा सकती है। सीएमओ ने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर 24 मार्च को जनपद वाराणसी में ” वन वर्ल्ड टीबी समिट ” पर प्रधानमंत्री द्वारा सम्बोधन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में 30 से अधिक देशों के 200 अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों द्वारा भी भाग लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान (20 फरवरी 2023 से 05 मार्च 2023 तक) चलाया गया, जिसमें जनपद आगरा की लगभग 54 लाख जनसंख्या की 20 प्रतिशत चयनित जनसंख्या पर कार्य किया गया। जिसमें मुख्य रूप से स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियां, वृद्धाश्रम, शू फैक्ट्री, नवोदय विद्यालय, बाल संरक्षण गृह, केन्द्रीय एवं जिला कारागार, नारी निकेतन तथा अन्य जगहों को चिन्हित करते हुए अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 3968 संभावित क्षय रोगियों की जांचें की गई, जिसमें 325 ऐसे नये क्षय रोगी मिले , जिन्हें यह पता ही नहीं था कि वह टीबी जैसी बीमारी से ग्रसित हैं। इन समस्त मरीजों को तत्काल उपचार दिया गया।
एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग व वक्ष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि जनपद आगरा में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अन्तर्गत 26 टीबी यूनिट कार्यरत हैं। प्रत्येक 01 लाख की जनसंख्या पर बलगम की जाँच हेतु एक माइक्रोस्कोपी केन्द्र स्थापित है, जहां पर बलगम की निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जनपद में 800 से अधिक डॉट्स सेन्टर कार्यरत है, जिससे टीबी के रोगी को घर के नजदीक ही दवा उपलब्ध कराई जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि आगरा में चार सीवीनॉट मशीनें एसटीडीसी, आगरा, जिला चिकित्सालय, आगरा एवं एनआरएल जालमा चिकित्सालय में क्रियाशील है, साथ ही जनपद में 09 नॉट मशीनें जिला चिकित्सालय, लोहामण्डी प्रथम, कैण्टोमेंट बोर्ड, रेलवे चिकित्सालय, एचबीटीसी, सीएचसी शमसाबाद सीएचसी फतेहपुर सीकरी, सीएचसी बरौली अहीर. एमसीयू रामबाग पर क्रियाशील हैं, जहां पर ड्रग रेजिस्टेंट टीबी की जांच की जाती हैं।
प्राईवेट क्षेत्र से प्रत्येक क्लीनिक, हॉस्पिटल, पैथोलॉजी, डायगोनिस्टिक सेंटर पर डायग्नोसिस होने वाले प्रत्येक टीबी के मरीज को भारत सरकार द्वारा संचालित निक्षय पोर्टल पर नोटिफाई किया जाता है। प्रत्येक टीबी के मरीज का फॉलोअप एवं समस्त पब्लिक हेल्थ एक्शन समयान्तर्गत किये जाते हैं। निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत प्रत्येक उपचारित क्षय रोगी को 500 रुपए प्रत्येक माह इलाज पूरा होने तक दिया जाता है।
जनपद में वर्ष 2023 में 4863 क्षय रोगी पब्लिक एवं प्राईवेट क्षेत्र से निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत हैं जिनको इलाज प्रदान किया जा रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा बताया गया कि निक्षय मित्रों के द्वारा भी टीबी रोगियों की मदद की जा रही है । वहीँ राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों के क्रम में प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य दिवस के दिन ही टीबी मरीजों की जांच करना और जिन लोगों को रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, उनको रिपोर्ट सहित उपचार संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त कराना है।
उन्होंने बताया हैं कि 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर संगोष्ठी, जागरूकता रैली, जागरूकता कैंप, का आयोजन किया जाएगा । टीबी मरीजों को गोद लेने से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे साथ ही टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत डीपीआरओ के साथ बैठक की जाएगी ।
उक्त प्रेस कान्फ्रेस में डीआर टीबी समन्वयक शशिकांत पोरवाल, जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद यादव, जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह, पंकज सिंह, जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश शिरोमणि, अखिलेश कुमार यादव, संदीप प्रमोद, सीफार संस्था से डिविजनल कोऑर्डिनेटर राना बी सहित जिला क्षय रोग केन्द्र आगरा की समस्त टीम उपस्थित रही।