आगरा। रविवार की शाम यूथ हॉस्टल, संजय प्लेस में शब्दों ने तलवारों की धार पकड़ ली और मंच बन गया मातृभूमि के शौर्य का रणक्षेत्र। साहित्य निधि संस्था द्वारा स्व. ममता देवी वर्मा की षष्ठम पुण्यतिथि पर आयोजित वार्षिक कवि सम्मेलन में जब वीर रस के ओजस्वी कवि मोहित सक्सेना ने एलओसी पर पाकिस्तानी फौजियों के मुंड बिछाने की हुंकार भरी, तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
कार्यक्रम का शुभारंभ उद्यमी पूरन डावर, महेश शर्मा, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, सुनील शर्मा, प्रो. उमापति दीक्षित समेत विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया।
अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त गीतकार बलराम श्रीवास्तव ने अपनी मार्मिक रचना- ‘तुम्हारी प्रीति जैसे छांव पीपल की…’से मां और मातृभूमि का ऐसा चित्र खींचा कि श्रोता भाव-विभोर हो उठे।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे राष्ट्रीय ओज कवि मोहित सक्सेना ने वीर रस से माहौल में जोश भरते हुए हुंकार भरी-
‘पाकिस्तान तभी आएगा भारत मां के पांव में,
सर कटे जिहादी पहुंचेंगे जब अपने गांव में…’
उनकी रचना ‘ऊंचा है हिन्द गगन से…’पर सभागार राष्ट्रभक्ति के ज्वार में डूब गया।
राजकिशोर शर्मा राज की पंक्तियां थीं– ‘अगर हम बेचते सपने तो लायक बन गए होते…’
विनोद पांडेय की कविता थी- ‘राफेल की गरज से सिंदूर से उत्तर भेजा है…’
हीरेन्द्र नरवार, डॉ. मुकेश मणिकांचन, सपना सोनी समेत अन्य कवियों ने श्रृंगार, करुण और सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत रचनाएं पढ़ीं।
कार्यक्रम में निशि राज ने स्व. ममता देवी वर्मा का प्रेरणादायक जीवन परिचय प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी एवं उद्योगपति पूरन डावर थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में आगरा पब्लिक स्कूल के चेयरमैन महेश शर्मा मौजूद रहे। मथुरा के पूर्व विधायक: प्रदीप माथुर भी मौजूद थे। अध्यक्षता साहित्य निधि के संस्थापक सुनील शर्मा ने की। मुख्य वक्ता थे केंद्रीय हिंदी संस्थान के प्रो. उमापति दीक्षित। सामाजिक कार्यकर्ता: रजत अस्थाना, कुलदीप ठाकुर, अरुण शर्मा आदि की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।