आगरा: भाजपा से छावनी विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश आगरा पुलिस के खिलाफ मुखर होते हुए नजर आए। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि ‘पुलिस पैसा लेकर कुछ भी करा सकती है जिसका जीता जागता उदाहरण यह मंदिर है। मंदिर को कब्जाने के लिए भू माफियाओं ने पुलिस से सांठगांठ की और फिर क्या थाने से लेकर सीओ तक सब बिक गए और मंदिर पर भू माफियाओं को कब्जा दिलाने के लिए तानाशाही दिखा दी। मंदिर में ताला डलवा दिया और विरोध करने वालों के साथ मारपीट की।’
प्राचीन मंदिर से जुड़ा है पूरा मामला
मामला थाना शाहगंज क्षेत्र का है जहां एक पुरानी धर्मशाला व मंदिर से जुड़ा हुआ है। जिस पर कुशवाहा समाज एवं अन्य समाज का कब्जा है। यहां मंदिर है और मंदिर पर पूजा पाठ के लिए सर्व समाज के लोग आते हैं। आरोप है कि एक भू माफिया के इशारे पर पुलिस इस मंदिर को अपने कब्जे में लेकर भूमाफिया को सौंपना चाहती है। इस जमीन और मंदिर के कागजात भी मंदिर से जुड़े लोगों के पास हैं लेकिन पुलिस उनकी ना सुनकर भू-माफिया की सुनवाई कर रही है जिस पर मंदिर के फर्जी कागजात है।
विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश ने बताया कि सन 1983 में कडरू कुशवाहा और हेतराम कुशवाहा ने इस जमीन को समाज के लिए छोड़ दिया था। जिस पर बगीची और मंदिर बनाया गया था। उनकी कागजातों में स्पष्ट है कि इस जमीन को उनके परिवार के लोग किसी भी कीमत पर बेच नहीं सकते। बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार भूमाफिया को कोई जमीन कैसे बेच सकता है और भूमाफिया उसे कैसे खरीद सकता है।
भू माफिया के इशारे पर जैसे ही भारी संख्या में पुलिस बल मंदिर पहुंचा और मंदिर को बंद कर उस पर भूमाफिया को कब्जा दिलाने का प्रयास पुलिस करने लगी तो वहां की क्षेत्रीय महिलाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक जो लोग विरोध कर रहे थे, उनके साथ पुलिस ने सख्ती दिखाई और उनके साथ मारपीट भी की। पुलिस ने उन्हें मंदिर के अंदर बंद भी कर दिया गया और बाहर से ताला भी पुलिस ने डाल दिया।
क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर जी एस धर्मेश को जैसे ही पुलिस की इस कार्यशैली और इस कारनामे का पता चला, वह सीधे पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह से मिलने उनके आवास कार्यालय पहुंच गए। पीड़ित भी भारी संख्या में पुलिस आयुक्त आवास पहुंचे लेकिन पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात नहीं हो सकी। इस पर क्षेत्रीय विधायक डॉ जी एस धर्मेश ने फोन पर उनसे वार्ता कर सहायक थाना पुलिस के कारनामे से उन्हें रूबरू कराया। इसके बाद वह खुद मंदिर पर आ गए और मंदिर के बाहर धरना शुरू कर दिया।
पुलिस आयुक्त आवास से क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर धर्मेश सीधे नारीपुरा उस मंदिर पर जा पहुंचे। वह मंदिर के गेट के बाहर क्षेत्रीय लोगों के साथ धरने पर बैठ गए। विधायक डॉ. जी एस धर्मेश ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए मीडिया को बताया कि ‘थाना शाहगंज की पुलिस और एसीपी बिके हुए हैं। उनके द्वारा पैसा लेकर वर्षों पुराने मंदिर पर कब्जा करवाया जा रहा है।’
मुख्यमंत्री से की जाएगी शिकायत
विधायक ने कहा है कि पुलिस की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। पुलिस पीड़ितों की मदद के लिए है ना कि भूमाफिया बदमाशों की मदद के लिए। इस तरह तो थाना पुलिस और कुछ पुलिस के अधिकारी सरकार की किरकिरी करा रहे हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों पर तो कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।
विधायक के धरने पर बैठने के बाद पुलिस की किरकिरी होने लगी। पुलिस पर गंभीर आरोप लगने लगे। पुलिस के आला अधिकारी भी इसकी चपेट में थे। ज्यादा किरकिरी ना हो, इस कारण विधायक के दबाव में पुलिस को मंदिर का ताला खोलना पड़ा। मंदिर का ताला खुलते ही लोगों के चेहरे पर अलग ही खुशी देखने को मिली।
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