आगरा: माईथान गुरुद्वारे के प्रधान सरदार कंवलजीत सिंह को चेक बाउंस मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा और अर्थदंड की सजा सुनाई है। सरदार कंवलजीत सिंह पर एडवोकेट बृजेंद्र सिंह बघेल ने वर्ष 2009 ने वाद दायर किया था। चेक बाउंस मामले में दोषी कंवलदीप सत्ताधारी दल के विधायक व मंत्री के नजदीकी रिश्तेदार हैं। इससे पहले भी कई मामले में ये सुर्खियों में रह चुके हैं।
परिवाद के अनुसार, वादी बृजेंद्र सिंह बघेल ने आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी जाटनी का बाग के पार्टनर सरदार कंवलदीप सिंह से फ्लैट लेने के लिए 4.03 लाख रुपये का भुगतान किया था। आरोप था कि वादी को फ्लैट नहीं दिया गया। फ्लैट देने हो रही देरी के चलते सरदार कंवलदीप सिंह द्वारा वादी को 4.03 लाख रुपये का कारपोरशन बैंक बेलनगंज शाखा का चेक नंबर 557994 दिया था। 10 जनवरी, 2009 को वादी ने चेक अपने बैंक में प्रस्तुत किया, लेकिन पर्याप्त धनराशि न होने के चलते चेक बाउंस हो गया। इसके बाद वादी की ओर से आरोपी को नोटिस भेजा गया। मगर, नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। वादी की ओर से इस संबंध में अतिरिक्त न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया था।
करीब तेरह साल बाद इस वाद में अतिरिक्त न्यायालय संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी सुरेश चंद्र ने 21 फरवरी को निर्णय दिया है। निर्णय में परिवाद संख्या 552/2009 बृजेंद्र सिंह बघेल बनाम कंवलजीत सिंह, पार्टनर मै. आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी धारा 138 एनआई एक्ट में अभियुक्त कंवलजीत सिंह पर दोष सिद्ध हुआ है। अभियुक्त को दो साल की साधारण कारावास की सजा व चेक की धनराशि 4.03 लाख रुपये व 13 साल का सात प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज अंकन 3.66 लाख रुपए कुल 7.69 लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है।
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