आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के मांगरौल गुर्जर के नगला सपेरा के रहने वाल चार बच्चे 10 साल का सुरजीत पुत्र शिशुपाल, 10 साल का अरुण पुत्र प्रेम सिंह, 9 साल का सोनू पुत्र पप्पू व 9 साल की बर्षा पुत्री राकेश जंगल में बकरी चराने गए थे। इसी दौरान सुबह करीब साढ़े चार बजे चारों यमुना में नहाने उतर गए। नहाते समय चारों यमुना में डूबने लगे।
वहीं, इनके गांव का राजकुमार भी बकरी चरा रहा था। उसने बच्चों को डूबते देखा तो बच्चों को बचाने के लिए कूद पड़ा। उसने सोनू और वर्षा को बचा लिया। मगर, सुरजीत व अरुण गहरे पानी में डूब गए। सूचना पर गांव वाले व परिजन भी आ गए। पुलिस को सूचना दी गई। करीब डेढ़ बजे गोताखोर पहुंचे। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
दो घंटे से रेस्क्यू जारी, अब तक कोई सुराग नहीं
घटना को दो घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन अब तक दोनों बच्चों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। गोताखोर यमुना की तेज़ धारा और दलदली हिस्सों में बच्चों की तलाश में जुटे हुए हैं। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण और परिजन मौजूद हैं, जो बेचैनी और आंसुओं के साथ हर क्षण की निगरानी कर रहे हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं ग्रामीणों में भी गहरी चिंता और दुख का माहौल है।
महिलाओं ने दो को बचा लिया पर दो बच्चे डूब गए
मिली जानकारी के अनुसार नगला सपेरा के सुजीत पुत्र शिशु पाल (10 वर्ष) अन्नू पुत्र प्रेम सिंह (11 वर्ष)। सोनू पुत्र पप्पू और वर्षा पुत्री राकेश, ये चारों बच्चे बकरियां चराने यमुना की ओर गये थे। इसी दौरान ये चारों बच्चे यमुना में नहाने लगे। अचानक ये चारों बच्चे गहरे पानी में जाने से डूबने लगे। वहीं पर लकड़ियां बीन रही मीना पत्नी राज कुमार ने बच्चों की पुकार सुनी तो वह दौड़कर नदी में पहुंची। मीना ने वर्षा और सोनू को डूबने से बचा लिया। इन दोनों बच्चों को बचाकर मीना जब तक यमुना में पहुंची, तब तक सुजीत और अन्नू डूब चुके थे। मीना की सूचना पर ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और फिर पुलिस को सूचना दी गई।
रुनकता समेत यमुना के दूसरे क्षेत्रों में यमुना के कई स्थानों पर गहराई का अंदाजा नहीं होता, जिससे ऐसे हादसे बार-बार सामने आते हैं।
गोताखोर स्टीमर की मदद से बच्चों की तलाश कर रहे हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम बच्चों की तलाश में जुटी है।