Agra News: नामी ऑनलाइन कंपनियों के माल में हेराफेरी कर ग्राहकों को चूना लगाने वालों का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

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आगरा: थाना सिकंदरा क्षेत्र के शास्त्रीपुरम में पुलिस ने एक अवैध गोदाम का खुलासा किया, जहां फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसी ऑनलाइन कंपनियों द्वारा ग्राहकों को भेजे जाने वाले सामान में कोरियर एजेंटों द्वारा हेरा-फेरी की जा रही थी। पुलिस ने गोदाम से जूते के के करीब चार हजार बैग बरामद किए और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए माल की कीमत 30 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ऑनलाइन कंपनियों द्वारा उनके द्वारा भेजे जाने वाले सामान में हेराफेरी की शिकायत पर पुलिस ने पड़ताल की तो इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने जांच के बाद विगत 21 अक्तूबर को गोदामों पर छापे डाले। कंपनियों के कोरियर एजेंट ही यह हेराफेरी कर रहे थे। इन लोगों ने शास्त्रीपुरम कॉलोनी के एक घर में गोदाम बना रखा था। गोदाम में ग्राहकों को पहुंचने वाले सामान को बदल दिया जाता था।

ये अभियुक्त एक महीने से इस हेराफेरी को अंजाम दे रहे थे। ग्राहकों की ओर से लगातार कंपनियों को शिकायतें मिल रही थीं। कंपनी की ओर से पहले खुद छानबीन की गई और फिर पुलिस को साथ लेकर शास्त्रीपुरम कॉलोनी में बनाए गए अवैध गोदाम पर छापा मारा गया। पुलिस ने गोदाम से पकड़े चार हजार जूतों से भरे दर्जनों का बैग बरामद किए।

पुलिस ने बताया कि रोहिल अग्रवाल की सिकंदरा यूपीएसआईडीसी में रोहिल पोलिमर्स ई-कॉमर्स की कंपनी है। वे ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए अपना कारोबार करते हैं। ग्राहक फ्लिपकार्ट और मिंत्रा आदि के माध्यम से उनकी कंपनी के शू की डिमांड करते हैं। इन्हें वे ई-कार्ट कोरियर कंपनी के माध्यम से ग्राहक को डिलीवरी करते थे। करीब 30 दिन से उनके पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि जो माल भेजा जा रहा है, वह गलत है और पूर्व में उपयोग किया गया है।

पुलिस की जांच में सामने आया कि कोरियर कंपनी के एजेंट डिलीवरी कंपनी से उनके शूज लेकर आते थे। इसके बाद उनकी कंपनियों के डिब्बों में खराब या पुराने जूते भरकर ग्राहकों को डिलीवर कर देते थे। ई-कार्ट कंपनी के एजेंट आगरा की कई कंपनियों के साथ ऐसी धोखाधड़ी कर रहे थे। एजेंटों ने इस खेल में लाखों की कमाई कर ली थी। शास्त्रीपुरम के गोदाम से पुलिस ने कई कंपनियों के पैकेट बरामद किए हैं। इन पर उनके नाम की मुहर या स्टिकर लगे थे।

कोरियर एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले में दर्जनभर से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था। बाद में उनमें से तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आगे जांच की जा रही है।