Agra News: औरंगजेब के छक्के छुड़ाने वाले वीर गोकुला जाट का इतिहास अब जन-जन तक पहुंचेगा

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आगरा मोहब्बत की इमारत ताजमहल के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां के वीरों के लिए भी जाना जाता है। आगरा और ब्रज में वीरों की तमाम गाथाएं हैं। आगरा में वीरों का इतिहास दबा हुआ है। आगरा में ऐसे वीरों की कोई कमी नहीं है जिन्होंने मुगलों से लोहा लिया, मुगलों को चुनौती दी और अपना सिर तक कलम करवा लिया। लेकिन आगरा के वीर सपूतों में इस्लाम कबूल करना स्वीकार नहीं किया। ऐसे ही वीरों में शुमार हैं “वीर गोकुला जाट”।

जिनका औरंगजेब ने सरेआम चौराहे पर सिर कलम करवा दिया, वीर गोकुला जाट का सिर कलम करने के बाद उनके शरीर में से खून का फव्वारा फूटा। आज आगरा के उसी चौराहे को फव्वारा चौराहे के नाम से जाना जाता है।

औरंगजेब के सामने अपने घुटने ना टेकने वाले वीर गोकुला जाट की कहानी को एक गीत के माध्यम से उनकी वीरता की गाथा को दुनियां के सामने पेश किया जा रहा है, जिससे देश की भावी पीढ़ी अपने इतिहास के बारे में जानकारी रख सकें, कि उनके पूर्वजों ने अपना सिर कलम करवाना स्वीकार किया, लेकिन मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके।

एल्बम “वीर गोकुला जाट” के गीत का सोमवार को लोकार्पण किया गया

अब आरए मूवीज द्वारा बनाई जा ही एल्बम “वीर गोकुला जाट” के गीत का सोमवार को लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि मेयर हेमलता दिवाकर ने इस अवसर पर फिल्म के पोस्टर का भी विमोचन किया। फिल्म के एसोसिएट प्रोड्यूसर फतेहपुरसीकरी के सांसद राजकुमार चाहर हैं। उनके पुत्र कर्मवीर चाहर फिल्म में “वीर गोकुला जाट” की भूमिका निभाएंगे। गोकुला जाट वह वीर था जिसने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक के सामने झुकने के बजाय अपने प्राण देना ज्यादा उचित समझा।

फिल्म के निर्माता रंजीत सामा व विजय सामा भी आगरा से ही संबंध रखते हैं। हेमन्त वर्मा के निर्देशन में गीत को फिल्माया जाएगा। संगीत पं.दलीप ताहिर व गीत को शब्दों में संजय दुबे ने संजोया है। मौहम्मद सलामत ने गीत को अपनी आवाज दी है। गीत की शूटिंग बृज क्षेत्र में ही की जाएगी, जिसमें गोकुला जाट के मुगलों के अत्याचार के खिलाफ साहस, पराक्रम और शौर्य को समाहित लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। रंजीत सामा ने बताया कि जल्दी फिल्म की शूटिंग शुरू की जाएगी।

डॉ.भानू प्रताप को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाह, डॉ. गौरीशंकर, उत्तम सिंह, शैलराज सिंह, कप्तान सिंह चाहर, गोपीचंद, सोनू दिवाकर, गुड्डू चाहर, अशोक चौबे, चौधरी भूरी सिंह, डॉ. दीपक सिंह, बहुरन सिंह आदि उपस्थित थे। संचालन संजय दुबे ने किया।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ.भानु प्रताप सिंह ने हिंदू धर्मरक्षक वीर गोकुला जाट पुस्तक लिखी है। इसके लिए उन्होंने एक वर्ष तक शोध किया। पुस्तक के लिए डॉ.भानू प्रताप को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।


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