आगरा: राधास्वामी मत के पांचवें गुरू और आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (दादा जी महाराज) के आज शुक्रवार की सुबह अंतिम संस्कार में सत्संगियों का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। ताजगंज मोक्षधाम पर दादा जी महाराज को मुखाग्नि उनके पुत्र अतुल माथुर और नाति सुमेर माथुर ने दी।
डा. माथुर का दो दिन पहले पीपल मंडी स्थित हजूरी भवन में देहावसान हो गया था। अंतिम यात्रा में शामिल होने को सुबह हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। यात्रा मार्ग रावतपाड़ा, दरेसी, हाथीघाट, यमुना किनारा पर हजारों की संख्या में लोग कतार लगाकर उनके दर्शन के लिए खड़े दिखाई दिए। सभी श्मशान घाट तक साथ चले।
दादाजी महाराज के निधन के बाद से ही हजूरी भवन, पीपल मंडी में हर कोई राधास्वामी नाम का जाप कर रहा था। तीन दिन से उनके अंतिम दर्शन के लिए राधास्वामी मत के अनुयाइयों की भीड़ उमड़ती रही। हजूरी भवन पर सुबह अंतिम संस्कार से पहले विधि-विधान पूरे किए गए और इस बीच लगातार जाप चलता रहा। दादाजी महाराज के निधन से राधास्वामी मत के अनुयाइयों में शोक की लहर है।
प्रो अगम प्रसाद माथुर का जन्म 27 जुलाई, 1930 को हुआ था। उन्होंने शिक्षाविद विचारक, इतिहासवेत्ता, ऑर्कियोलॉजिस्ट, लेखक, कवि, साहित्यकार के साथ ही धर्मगुरु के रूप के विशेष ख्याति प्राप्त की थी।
राधास्वामी मत के अधिष्ठाता के रूप में दादाजी महाराज ने पूरे भारत का भ्रमण कर मत के सिद्धांतों से हर किसी को अवगत कराया। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक सुधार किए।
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