आगरा: गधापाड़ा स्थित रेलवे मालगोदाम में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले में रेलवे ने गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मालगोदाम में अवैध रूप से प्रवेश करने और पेड़ काटने का मुकदमा दर्ज कराया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रेल लैंड डवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) ने अभी सिर्फ गधापाड़ा मालगोदाम की जमीन का आवंटन पत्र ही दिया था। लेकिन भूमि हस्तांतरण से पहले गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनी और गणपति लीजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के लोग मालगोदाम के अंदर प्रवेश कर गए। लीज आवंटन के बाद जमीन पर भौतिक कब्जे की प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन बिल्डर्स ने हड़बड़ी में अपने स्तर से ही जमीन पर कब्जा लेकर, वहां हरे पेड़ों पर आरी चलवा दी। काटने के बाद पेड़ों को जलाया भी गया।
थाना हरीपर्वत में रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बीएनएस की धारा 329 (3), भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 और 10 लगाई गई हैं। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने अपने 19 दिसंबर के पत्र में अवगत कराया है कि गधापाड़ा, बेलनगंज में रेलवे का पुराना मालगोदाम है। इस मालगोदाम परिक्षेत्र में गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और गणपति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अनधिकृत रूप से प्रवेश कर परिक्षेत्र में स्थित 23 हरे पेड़ों को काट दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरएलडीए द्वारा इन कंपनियों को भूमि 99 वर्ष की लीज पर देने की प्रक्रिया चल रही है, किंतु अभी तक प्राधिकरण द्वारा कंपनियों को भूमि हस्तांतरित नहीं की गई है। उससे पहले ही कंपनी ने अनधिकृत रूप से पेड़ों को काटने का कार्य आरंभ कर दिया है।
आरएलडीए, वन विभाग, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी तथा याचिकाकर्ता डा. शरद गुप्ता ने विगत 19 दिसम्बर को मालगोदाम का निरीक्षण किया था। इसकी ड्रोन वीडियोग्राफी भी कराई। रिपोर्ट में पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. शरद गुप्ता, आरएलडीए और वन विभाग द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण का भी जिक्र है। निरीक्षण के दौरान यहां पेड़ काटे जाने और उनको जलाए जाने के सबूत भी मिले। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीईसी को सौंप दी है।