आगरा। यमुना नदी के बाढ़ में भूसे से भरा कूप और अनाज को बचाने के कारण ग्रामीणों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया जिस पर तीनों ग्रामीण यमुना नदी में बह गए। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण एकत्रित हो गए। तत्काल स्थानीय गोताखोरों ने मोटर बोट द्वारा रेस्क्यू कर भूसे से भरे कूप को किनारे लगा कर ग्रामीणों को सुरक्षित बचाया। कूप पर बैठे ग्रामीणों का सोशल मीडिया पर वीडियो जमकर वायरल हुआ जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। उन्होंने यमुना नदी किनारे नहीं जाने की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार यमुना नदी में हथिनीकुंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कालिंदी पूरी तरह से उफान पर है। लगातार नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और तटवर्ती इलाकों के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। धीरे-धीरे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ तटवर्ती इलाकों के गांव में घुसने लगा है जिसके चलते लोगों में हड़कंप मचा है।
फतेहाबाद के सुंदरपुरा से भूसे से भरा कूप और उसमें अनाज भी रखा हुआ था। जो यमुना नदी की बाढ़ में अचानक बह गया। कूप को पकड़ने के लिए पिढौरा के गंगनकी निवासी मानसिंह पुत्र नेपाल, चंद्रभान पुत्र बदन सिंह, कामता प्रसाद ने यमुना नदी में छलांग लगाई दी। पकड़ने का प्रयास किया मगर तेज बहाव के कारण भूसे से भरा को काबू में नहीं आया। जिस पर कूप किनारे पर नहीं लगा तो वह उसके ऊपर बैठ गए। कूप यमुना नदी के पानी में तेज गति के साथ बहते हुए बटेश्वर पहुंचा जिसके ऊपर तीन ग्रामीण बैठे हुए थे और आवाज लगाकर लोगों से बचाने की गुहार लगा रहे थे।
यह नजारा ग्रामीणों ने देखा तो हड़कंप मच गया। तत्काल वहां मौजूद स्ट्रीमर कर्मचारियों ने स्ट्रीमर को यमुना नदी में चला कर रेस्क्यू किया और भूसे अनाज के कूप एवं ग्रामीणों को सुरक्षित बचाया। कूप के साथ ग्रामीणों का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों ने उफनती हुई यमुना नदी किनारे नहीं जाने की चेतावनी देते हुए अपील की है।
आपको बता दें यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ अब बटेश्वर में यमुना नदी किनारे बने भगवान भोले के मंदिरों में नदी का पानी घुसने लगा है। यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। गांव कल्याणपुर भरतार के यमुना किनारे के खेतों में पानी भर जाने के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।