आगरा: अक्सर आपने सुना होगा कि कोई नवजात बच्चे को झाड़ियों में फेंक कर चला गया। इतना ही नहीं आपने इस तरह की खबरें टीवी चैनल और सोशल मीडिया पर भी देखी होगी जिन्हें देखने के बाद आपको भी गुस्सा आया होगा और आपने भी उस मां को जमकर कोसा होगा जिसने अपने नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया लेकिन आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में अब एक शानदार पहल शुरू हुई है। इस पहल को ‘आश्रय पालना स्थल’ नाम दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य है कि आप अनचाहे नवजात को न फेंके बल्कि उसे आश्रय पालना स्थल पर छोड़ सकते है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग के बाहर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने आश्रय पालना स्थल का शुभारंभ किया।
आपको बताते चलें कि इस आश्रय पालना ऑटोमेटिक सेंसर लगा हुआ है जैसे ही कोई नवजात को इस पालने में रखेगा तो पालने में लगे हुए ऑटोमेटिक सेंसर प्रतिक्रिया को भापकर 2 मिनट बाद रिसेप्शन पर लगी हुई बेल को बजा देंगे। जिससे रिसेप्शन को यह जानकारी मिल जाएगी कि कोई बच्चा पालने में आया है। इसके बाद से चिकित्सकों की टीम नवजात को साथ ले जाएगी। उसे प्राथमिक उपचार दिलाया जाएगा।
अक्सर अनचाहे नवजात के कारण कभी-कभी युवतियों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है और इसी के चलते युवतियां चोरी चुपे नवजात को जन्म देने के बाद उसे झाड़ियों में फेंक कर चले जाते हैं। कई बार देखा गया है कि फेंके गए ऐसे अनचाहे शिशु को जानवर अपना निवाला बना लेते हैं। ऐसे नवजात के जीवन को ही सुरक्षित बनाने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज में पालना स्थल मां भगवती विकास संस्था उदयपुर के सहयोग से आश्रय पालना लगाया जा रहा है। आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग के सामने लगने जा रहे पालने में कोई भी अनचाहे नवजात को बिना पहचान उजागर किए छोड़कर जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि अनचाहे नवजात को लोग बस स्टैंड रेलवे स्टेशन एवं सुनसान जगह पर छोड़ जाते हैं। कई बार ऐसे नवजात को जानवर नौचते हुए दिखाई देते हैं। ऐसे ही बच्चों के लिए यह एक प्रयास किया गया है जो कि एक सराहनीय कदम है। इस नए प्रयास से नवजात की जान बच सकेगी।
प्रदेश में तीसरा पालना
संस्था के संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अब तक हमारी संस्था देश में इस तरह के 71 पालना स्थापित कर चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश में यह तीसरा पालना है, जो सरकार के सहयोग से आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया गया है। इसी तरह से सरकार की सहायता लेकर नवजात बच्चों के लिए हम इस तरह के आश्रय पालना स्थल की लगातार स्थापना करते रहेंगे।
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