Agra News: आगरा में शिक्षा नीति पर समीक्षा बैठक, युवाओं को स्थानीय रोजगार से जोड़ने पर जोर

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शिक्षा सलाहकार प्रो. डी.पी. सिंह बोले — स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शिक्षा और कौशल विकास को जोड़ना समय की मांग

आगरा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सलाहकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह की अध्यक्षता में रविवार को आयुक्त कार्यालय, आगरा मंडल के सभागार में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं विकसित उत्तर प्रदेश @2047” विषय पर बैठक आयोजित की गई।

बैठक में शिक्षा, कौशल विकास और स्थानीय आवश्यकताओं को जोड़ते हुए भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने पर विशेष बल दिया गया।

स्थानीय जरूरतों के अनुरूप योजनाएं बनें

प्रो. डी.पी. सिंह ने कहा कि शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन तभी संभव है जब इसे स्थानीय परिस्थितियों और संसाधनों के अनुसार लागू किया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिक्षा और कौशल विकास को एकीकृत करते हुए युवाओं को उनके ही क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।

उन्होंने कहा कि “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोजेक्ट” की अवधारणा के तहत प्रत्येक जिले में स्थानीय उद्योग, कला और संसाधनों के आधार पर रोजगार सृजन के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि स्थानीय युवाओं को अपने जनपद में ही अवसर मिलें।

संयुक्त कार्यक्रम और फीडबैक प्रणाली पर जोर

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह ने बताया कि जनपद आगरा में शैक्षणिक संस्थानों और विभागों द्वारा विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
इस पर अध्यक्ष महोदय ने निर्देश दिए कि पंचायत, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों आदि के साथ संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

उन्होंने क्यूआर कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू कर जनता की भागीदारी और सुझाव लेने पर भी बल दिया।

आईटीआई कॉलेजों को रोजगार मेले आयोजित करने के निर्देश

प्रो. सिंह ने राजकीय आईटीआई कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया कि वे समय-समय पर रोजगार मेले आयोजित करें।

साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को “कनेक्ट स्टेबलिस” पद्धति से जोड़कर अन्य छात्रों के लिए रोल मॉडल बनाया जाए। इससे छात्रों में प्रेरणा और कौशल विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

रिसर्च कल्चर और भाषा कौशल पर बल

उच्च शिक्षा संस्थानों को सुझाव देते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि रिसर्च कल्चर को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भाषा के कोर्स शुरू करने से पहले उस क्षेत्र में उसकी मांग का विश्लेषण किया जाए, ताकि शिक्षण अधिक उपयोगी साबित हो।

प्रो. सिंह ने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थानों में “कल्चर ऑफ एप्रीसिएशन” और “कल्चर ऑफ पनिशमेंट” दोनों को संतुलित ढंग से अपनाया जाए, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता बनी रहे।

शिक्षा के माध्यम से विश्व को मार्गदर्शन देने वाले युवा तैयार करें

अंत में उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ऐसे युवाओं का निर्माण किया जाए जो “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को साकार करते हुए विश्व को दिशा प्रदान कर सकें।

बैठक में रहे कई अधिकारी मौजूद

बैठक में अपर आयुक्त (प्रशासन) राजेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश, संयुक्त निदेशक व्यावसायिक शिक्षा, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, रजिस्ट्रार डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, प्रधानाचार्य आगरा कॉलेज, सेंट जॉन्स कॉलेज, आरबीएस कॉलेज, एवं अन्य विभागीय अधिकारी एवं शिक्षाविद उपस्थित रहे।