आगरा। सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने वाला एक फेक वीडियो अब खुद शेयर करने वालों की मुसीबत बन गया है। इंस्टाग्राम पर “Taj on Fire” टाइटल से वायरल हुए इस वीडियो में ताजमहल को आग की लपटों में घिरा दिखाया गया और दावा किया गया कि पाकिस्तान ने ताजमहल पर हमला कर दिया है।
जांच में सामने आया कि यह वीडियो AI जनरेटेड फेक क्लिप है, जिसे मोहम्मद साजिद नाम के व्यक्ति ने पोस्ट किया। खास बात ये कि कई सोशल मीडिया यूजर्स ने बिना जांच किए इस वीडियो को शेयर भी कर दिया। यह जांच का विषय है कि जिस मोहम्मद साजिद ने ये फेक वीडियो वायरल किया, उसी मोहम्मद साजिद नाम के एक व्यक्ति को विगत दिवस बरेली के देवरनिया थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बरेली के इस मोहम्मद साजिद ने फेसबुक पर पाकिस्तान जिंदाबाद लिखकर पाकिस्तान का झंडा लहराया था। कहीं ताजमहल का वीडियो वायरल करने वाला भी कहीं यही मोहम्मद साजिद तो नहीं है।
पुलिस की सख्ती शुरू
ताज सुरक्षा पुलिस और साइबर सेल ने वीडियो को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अब उन 10 यूजर्स की पहचान कर रही है जिन्होंने वीडियो को पोस्ट या रीपोस्ट किया। पुलिस के मुताबिक यह न सिर्फ अफवाह फैलाने वाला कृत्य है, बल्कि राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा को लेकर गलत संदेश देने वाला भी है।
एडवाइजरी भी हुई जारी
घटना के बाद आगरा पुलिस ने सोशल मीडिया यूजर्स के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बिना तथ्य या पुष्टि के कोई भी वीडियो शेयर न करें। पुलिस कमिश्नर ने खुद सामने आकर स्पष्ट किया कि ताजमहल पूरी तरह सुरक्षित है और वायरल वीडियो पूरी तरह फर्जी है।
बार-बार चेतावनी के बावजूद फेक न्यूज और वीडियो शेयर करने की लत अब कानूनी कार्रवाई में बदल रही है। यह घटना बता रही है कि डिजिटल जिम्मेदारी अब केवल नैतिकता नहीं, कानूनी ज़रूरत बन गई है।