आगरा: कमला नगर में ओम डायग्नोस्टिक सेंटर पर गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने का आरोप लगाकर सिस्टम सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा उनको गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दे दी गई, जिसकी वजह से वह तनाव में आ गए और उनको अपनी जान जाने का डर सताने लगा। जब उन्होंने हजारों रुपये खर्च करने के बाद अस्पताल में जांच कराई तब पता चला कि उन्हें अल्ट्रासाउंड में जो बीमारी बताई गई थी, वह नहीं थी। अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से इस बारे में शिकायत की भी बात कही। हालांकि डायग्नोस्टिक सेंटर के डॉक्टर का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
धरने के दौरान सिस्टम सुधार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अंशुमन ठाकुर ने डायग्नोस्टिक सेंटर के निदेशक डॉक्टर सुभाष कुमार वर्मा पर आरोप लगाया कि दीपावली से पहले उन्हें कुछ परेशानी हुई थी, जिसके लिए वह यहां पर अल्ट्रासाउंड कराने आए थे। निदेशक द्वारा बताया गया कि उनको फैटी लीवर की समस्या है। इससे उनके इलाज पर हजारों रुपये खर्च हुए।
अंशुमन ठाकुर का कहना है कि हजारों रुपये की दवाई से उन्हें कोई फायदा नहीं दिखा। जब दर्द होता था तो उन्हें सुपर स्पाज्म इंजेक्शन लगता था, जिससे दर्द बंद होता था। काफी समय तक ऐसा ही चलता रहा। इसके बाद किसी ने उन्हें सलाह दी कि आप दिल्ली में जाकर अपना इलाज कराओ। मैंने दूसरी जगह से अपना अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि मुझे फैटी लीवर की समस्या नहीं बल्कि मेरे गॉल ब्लैडर में पथरी थी। जो कि सुपर स्पाज्म इंजेक्शन लगने की वजह से सड़ने लगी है। अगर ऑपरेशन नहीं कराया गया तो कुछ समय बाद इसकी वजह से शरीर में इन्फेक्शन फैल जाएगा और जान जाने का खतरा हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि वह डायग्नोस्टिक सेंटर के निदेशक सुभाष वर्मा के पास पहुंचे और उनसे कहा कि आपने गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट क्यों दी। इस रिपोर्ट की वजह से मैं तनाव में आ गया और मेरा हजारों रुपये खर्च हो गये। अगर मैं दूसरी जगह रिपोर्ट न कराता तो हालात और बिगड़ सकती थी।
उन्होंने बताया कि जब निदेशक से हमने यह बात कही तो वह सॉरी बोलने या माफी मांगने की बजाय हमें ही उल्टा गलत बताने लगे। इस पर वह डायग्नोस्टिक सेंटर के बाहर धरने पर बैठे गए। वे चाहते हैं कि प्रशासन इनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करे।
ओम डायग्नोस्टिक सेंटर के निदेशक डॉक्टर सुभाष वर्मा का कहना है कि जब इन्होंने हमें बताया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट गलत है तो हमने इनसे कहा कि आप दोबारा हमारे पास आइए, हम दोबारा से जांच करेंगे। लेकिन यह हमारे पास नहीं आए। हमारे ऊपर जो भी आरोप उनके द्वारा लगाए गए हैं, वह झूठे हैं।