आगरा। बढ़ता वायु प्रदूषण ताजनगरी के लोगों के लिए गंभीर समस्या बनता जा रहा है। अन्य कारकों के साथ साथ नगर में होने वाले निर्माण कार्य भी इस समस्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।
इसी को लेकर नगर निगम कॉफ्रेंस हॉल में निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण रोकने के उपाय के लिए क्षमता विकास विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से किया गया।
इस दौरान सर्वसम्मति से निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक गाइडलाइन बनाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान आगरा के स्वच्छ निर्माण पद्धतियां विषय पर चार पेज की एक पुस्तिका का विमोचन भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किया गया।
कार्यशाला में अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि आगरा में पिछले कुछ सालों में विकास कार्यों में तेजी आने से निर्माण गतिविधियां बढ़ रही हैं। यह कार्यशाला स्वच्छ निर्माण प्रथाओं को अपनाने की दिशा में पहला कदम है जो दीर्घकाल में नगर की वायु गुणवत्ता के सुधार में योगदान करेगा।
उन्होंने कहा कि नगर निगम ने शहर की वायु गुणवत्ता प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में सक्रिय कदम उठाये हैं। कार्यशाला में हुई चर्चा के आधार पर नगर निगम स्वच्छ निर्माण पद्धतियों पर दिशा निर्देश तैयार करने की योजना बना रहा है।
हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने वाली सरकारी और निजी संस्थानों को अपने विचार साझा करने और विस्तृत गाइडलाइंस विकसित करने में हमारी मदद के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ये दिशा निर्देश उन गाइडलाइंस को भी बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनसे साइट वर्कर, इंजीनियरों, ठेकेदारों और पर्यवेक्षकों को निर्माण प्रक्रिया के दौरान धूल उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर क्लीन एयर एक्शन डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यक्रम निदेशक श्रीकुमार कुमारस्वामी ने कहा कि निर्माण स्थलों पर धूल उत्सर्जन को कम करने वाले समाधानों के उपयोग से पर्यावरण के साथ साथ लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी होंगे। कार्यशाला के निष्कर्ष आगरा शहर के लिए व्यापक स्वच्छ निर्माण रणनीतियों को तैयार करने में मदद करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान निर्माण और विध्वंस, वेस्ट प्रबंधन चुनौतियों के समाधन पर भी इस दौरान चर्चा की गई।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कार्यशाला के आयोजन के लिए डब्ल्यूआरआई इंडिया के प्रयासों की सराहना की। कार्यशाला में पर्यावरण अभियंता नगर निगम पंकज भूषण व अन्य अधिकारियों के अलावा उत्तर प्रदेश मेट्रो कारपोरेशन लिमिटेड, जलकल विभाग, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों और निगम के ठेकेदारों के अलावा विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के लगभग तीस प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.