Agra News: नगर निगम ने 14.25 लाख में लगवाई थी गर्मियों में चौराहों पर अस्थाई रूप से ग्रीन नेट, RTI से हुआ खुलासा

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आगरा के नागरिकों के लिए एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जून महीने में आगरा नगर निगम ने हरी पर्वत और सूर सदन चौराहों पर ग्रीन नेट लगवाई थी, ताकि लोग तेज धूप से बच सकें। अब इस ग्रीन नेट की कीमत का खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है। RTI के जवाब में पता चला कि इन दो चौराहों पर लगाई गई इस ग्रीन नेट की कुल लागत 14.25 लाख रुपए है।

RTI से हुआ खुलासा

यह जानकारी तब सामने आई जब आगरा के पर्यावरणविद और एनजीटी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक RTI दाखिल की। डॉ. शरद ने इस आरटीआई के जरिए नगर निगम से यह जानकारी मांगी कि आखिर इन ग्रीन नेट पर कितना खर्च किया गया।

जवाब में नगर निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि दो प्रमुख चौराहों – सूर सदन और हरी पर्वत पर ग्रीन नेट लगवाया गया था। सूर सदन चौराहे पर ‘कंस्ट्रक्ट फॉर लाइफ’ कंपनी ने और हरी पर्वत चौराहे पर ‘न्यू वी एन कंस्ट्रक्शन’ कंपनी ने यह काम किया था।

अब सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन ग्रीन नेट की कुल लागत 14.25 लाख रुपए बताई जा रही है। मार्केट में ग्रीन नेट बेहद कम कीमत पर उपलब्ध है। ऐसी ग्रीन नेट की कीमत लगभग 1,000 रुपए के आसपास होती है, लेकिन नगर निगम ने इसे 14.25 लाख रुपए में लगवाया! यह खर्च केवल दो जगहों पर अस्थाई रूप से ग्रीन नेट लगाने पर हुआ है।

सिर्फ 15 दिनों के लिए लगाई गई थी ग्रीन नेट

एक और चौंकाने वाली बात यह है कि यह ग्रीन नेट सिर्फ 15 दिनों के लिए लगाई गई थी। यानी लाखों रुपए केवल 15 दिनों के लिए खर्च कर दिए गए। अब सवाल उठता है कि आखिरकार इस ग्रीन नेट में ऐसा क्या खास था, जिसके लिए इतना भारी-भरकम खर्च किया गया?

टेंडर की जानकारी देने से बच रहे अधिकारी

RTI के जवाब में यह बात भी सामने आई है कि टेंडर से जुड़ी जानकारी को साझा करने से नगर निगम के अधिकारी बच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, लेकिन टेंडर से जुड़ी जानकारी देने से कतरा रहे हैं।

जनता की कमाई हो रही बर्बाद

ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि जनता की गाढ़ी कमाई को किस तरह बर्बाद किया जा रहा है। 15 दिनों के लिए लगाई गई इस ग्रीन नेट में इतना खर्च क्यों किया गया? और यह खर्च कहां से हुआ? जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर कोई ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं।

साभार सहित – agraslide.in