आगरा: कुछ बच्चे अपने बुजुर्गों का सहारा बनने के बजाए उन्हें वृद्धा आश्रम छोड़ आते हैं लेकिन इस कलयुग में भी श्रवण कुमार देखने को मिल जाते हैं। जिनके लिए अपने माता-पिता की सेवा और उनकी इच्छा ही सब कुछ है। ऐसा ही एक नजारा मोहब्बत की निशानी ताजमहल पर देखने को मिला। सैकड़ो किलोमीटर का सफर तय करके एक श्रवण अपनी माँ की अंतिम इच्छा पूरी कराने के लिए व्हीलचेयर पर अपनी मां को लेकर ताजमहल पहुंचा। यहां पर बुजुर्ग माँ ने व्हीलचेयर पर लेटे ही ताजमहल निहारा और अपनी अंतिम इच्छा पूरी की।
ताजमहल पर एक ऐसा बंदा देखने को मिला जो अपनी पत्नी के साथ अपनी 85 साल की मां को लेकर आया था। युवक की बुजुर्ग मां चल नहीं सकती थी तो उसने व्हील चेयर को ही स्ट्रेचर का रूप दिया और उस पर लिटा कर अपनी मां को ताजमहल के अंदर लेकर आया। व्हीलचेयर पर लेट कर ही बुजुर्ग माँ ने ताजमहल देखा। इस दृश्य को देखकर सभी लोग हैरान थे लेकिन जब लोगों ने सुना यह अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी कराने के लिए मां को ताजमहल दिखाने के लिए लाया है तो हर कोई कहने लगा यह तो एक श्रवण कुमार है।
1100 से किमी से अधिक का सफर किया तय
व्हील चेयर पर अपनी मां को ताजमहल लेकर पहुंचा यह युवक गुजरात का रहने वाला है जिसका नाम खोजा मोहम्मद इब्राहिम है। इब्राहिम गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा में रहकर अपना व्यापार करते हैं। उनकी मां रजिया की उम्र अब 85 वर्ष हो गई है और वह चलने फिरने से लाचार हैं। इब्राहिम के अनुसार मां पिता से बहुत प्रेम करती हैं। एक दिन उन्होंने अपनी मां से पूछा कि आप भी अंतिम इच्छा क्या है तो माँ ने अपनी अंतिम इच्छा बताते हुए कहा कि ताजमहल देखना है। मां की इच्छा सुनकर वह दंग रह गए लेकिन मां की अंतिम इच्छा थी इसीलिए वह उसे पूरा करने आगरा आए। 1100 किलोमीटर से अधिक का लंबा सफर तय किया।
एएसआई विभाग से ली इजाजत
एएसआई के नियम के अनुसार ताज महल के अंदर स्ट्रेचर नहीं जा सकता है। इसलिए उन्होंने पहले एएसआई विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराया, साथ ही स्ट्रेचर को व्हीलचेयर में तब्दील करके मां को लाने की बात कही। इस पर विभागीय अधिकारियों ने व्हीलचेयर का निरीक्षण किया और संतुष्ट होने के बाद ही ताजमहल में ले जाने की इजाजत मिली।
इब्राहिम मां को लेकर ताजमहल के वीआईपी गेट तो पहुंच गए। इब्राहिम और उनकी मां की भावनाओं का सम्मान करते हुए सीआईएसएफ और पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने जांच के बाद उन्हें प्रवेश की अनुमति दी और पूरा सहयोग करते हुए ताजमहल घुमाया। इब्राहिम ने मां की अंतिम इच्छा पूरी कराने में मदद करने वाले एएसआई और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया और सभी का धन्यवाद किया।