जीआइसी मैदान में 25 नवंबर से 3 दिसंबर तक अक्षरा साहित्य अकेदमी आयोजित कर रही राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन
साहित्य सेवियों के जमावड़े के मध्य किया जाएगा बाल साहित्यकार द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी जी की आत्मकथा का विमोचन
आयोजन में आएंगे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी
आगरा। शब्द बोलते हैं, तभी हर पुस्तक कुछ न कुछ कहती है और जीवन को नवदिशा देती है। शब्दों को बुनकर पुस्तकों का रूप देने तक का सफर आसान नहीं होता, इसके पीछे गहन शोध, कल्पना और वास्तविकता का ताना बाना बुना होता है। इसी सीख को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से अक्षरा साहित्य अकादमी आगरा में पहली बार राष्ट्रीय पुस्तक मेला एवं साहित्य उत्सव का आयोजन करने जा रही है।
गुरुवार को एमजी रोड स्थित नागरी प्रचारिणी सभा में आयोजन के आमंत्रण पत्र का विमोचन किया गया। आमंत्रण पत्र विमोचन के मुख्य अतिथि सुशील गुप्ता, सुरेश चंद्र गर्ग और डॉ गिरधर शर्मा थे प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक व अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में छात्रों का पुस्तकों के प्रति रूझान कम होता जा रहा है, जिसे बढ़ावा देने में पुस्तक मेला कारगर होगा।
कार्यक्रम संयोजक दीपक सरीन ने बताया कि पुस्तक मेला एवं साहित्य उत्सव 25 नवंबर से 3 दिसंबर तक पचकुइयां स्थित जीआइसी मैदान में आयोजित होगा। नौ दिवसीय आयोजन में प्रतिदिन तीन सत्र बाल सत्र, साहित्यिक सत्र एवं सांस्कृतिक सत्र होंगे, जिनके अन्तर्गत 27 आयोजन किये जाएंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आने का आश्वासन दिया है। सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक मेला का अवलोकन किया जा सकेगा।
अक्षरा साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विनोद माहेश्वरी ने बताया कि पुस्तक मेला में प्रथम सत्र बाल साहित्य और साहित्यकारों को समर्पित होगा। जिसमें 1 दिसंबर को बच्चों के गांधी जी के नाम से प्रसिद्ध स्व. द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की जयंती पर उनकी आत्मकथा का विमोचन एवं बाल कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
उपाध्यक्ष वत्सला प्रभाकर ने बताया कि इस राष्ट्रीय पुस्तक मेला एवम् राष्ट्रीय साहित्य उत्सव के माध्यम से सामाजिक सराकारों को रेखांकित करने एवं उन्नयन के लिए प्रयास किए जाएंगे।
कोषाध्यक्ष श्रुति सिन्हा ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को पुस्तकों से जोड़ना है क्योंकि जो हम पढ़ते हैं वो देखने और सुनने से अधिक स्मृति में रहता है। क्या और कैसा साहित्य हम पढ़ रहे हैं ये हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है। इसलिए पुस्तक मेला में बाल साहित्य के साथ ही समाज को दिशा देने के लिए प्रसिद्ध हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत आदि भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।
सेंट एंड्रूज स्कूल के निदेशक डॉ गिरधर शर्मा ने कहा कि पुस्तक प्रेमियों के लिए स्वस्थ परंपरा का आगरा में आरंभ 2019 में हुआ था।
इस अवसर पर श्वेता अग्निहोत्री, शीला बहल, पैंसी थामस, प्रो चंद्रशेखर शर्मा, रामकुमार शुक्ला, रोहित कात्याल आदि उपस्थित रहे।
पुस्तक मेला का ये रहेगा मुख्य आकर्षण
25 नवंबर को उद्घाटन सत्र के बाद सायं सांस्कृतिक सत्र में संगीत कला केंद्र की प्रस्तुति रहेगी। प्रतिदिन सुबह के सत्र में अप्सा और नप्सा के स्कूल बच्चे प्रस्तुतियां देंगे।
26 नवंबर को स्वास्तिक हैंडराइटिंग रिसर्च सेंटर की ओर से हस्तलेखन एवं पोस्टर प्रतियोगिता होगी। सायं के सत्र में माधुर्य साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था की प्रस्तुति होगी।
27 नवंबर को आगरा महानगर लेखिका संघ का सत्र होगा और लता किशोर मैजिक गुनगुनाती जिंदगी की ओर से होगा।
28 नवंबर को सहज योग एवं सायकाल अनिल जैन द्वारा नुक्कड़ नाटक होगा। सितार की प्रस्तुति प्रो. लवली शर्मा एवं डीइआइ के छात्रों द्वारा संगीत की प्रस्तुति होगी।
29 नवंबर को महिला शांति सेना द्वारा घरेलू हिंसा कारण और निवारण पर चर्चा ओर सायं काल आथर्स गिल्ड इंडिया द्वारा सोशल मीडिया के दौर में पुस्तकों की उपयोगिता पर चिंतन मनन होगा एवं कवियत्रि सम्मेलन होगा।
30 नवंबर को साहित्य विमर्श एवं किरन लालवानी द्वारा फैशन रैंप शो होगा।
1 दिसंबर को द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की स्मृति में बाल कवि सम्मेलन होगा। जिसमें उनकी आत्मकथा का विमोचन होगा।
2 दिसंबर के सभी सत्र व्यंग विद्या को समर्पित होंगे।
3 दिसंबर को पुलिस प्रशासन की चली कलम कार्यक्रम द्वितीय सत्र में होगा। आयोजन का समापन कवि सम्मेलन के साथ किया जाएगा।
Compiled: up18 News
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