देश विदेश (कनाडा, श्रीलंका, बंगलादेश, दुबई यूएस, इटली आदि) से 1200 कान विशेषज्ञों ने कार्यशाला में की शिरकत
दूरबीन विधि से कान की लाइव एडवांस सर्जरी के साथ विशेषज्ञों ने समस्याओं के साथ एडवांस सर्जरी व इलाज पर की चर्चा
आगरा। सर्दी जुकाम में लारवाही आपको बहरा भी बना सकती है। चिकित्सक की सलाह के बिना जुकाम को रोकने के लिए ली गई दवाएं कान के पर्दे पर दबाव को बढ़ा देती हैं, जिससे कान के पर्दे में छेद होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
होटल जेपी में आयोजित तीन दिवसीय आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ ऑटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय वार्षिक कार्यशाला में गाजियाबाद के डॉ. ओमवीर सिंह ने बताया कि कान के पर्दे में छेद के बाद स्राव होने पर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। इससे कान की हड्डी तक गल जाती है। जिससे जान जाने तक का खतरा रहता है। सुनाई देना बंद हो जाता है। इस तरह के केस में कान की रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी की जाती है। गली हुई हड्डी को बदला जाता है, कान से ही हड्डी लेकर लगाई जाती है। इस तरह की सर्जरी अब बढ़ गई हैं।
वहीं गोरखपुर के डा. राजन भार्गव ने बताया कि कान में तीन हड्डी होती हैं, इन हड्डी से ही तरंग बनती हैं और सुनाई देता है। इससे आटोक्लोरोसिस की समस्या हो जाती है। 15 साल की आयु के बाद यह समस्या देखने को मिलती है। इसमें सर्जरी का इम्प्लांट के रूप में पिस्टन डाला जाता है। इसके बाद मरीज को सुनाई देने लग जाता है। उन्होंने बताया कि ज्यादा देर तक मोबाइल और ईयरफोन के इस्तेमाल से सुनने में समस्या होती है लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सर्जरी से ठीक हो रहा चेहरे का लकवा
सड़क हादसे, चेहरे पर चोट लगने से चेहरे का लकवा हो रहा है। एम्स दिल्ली के ईएनटी विभाग के डॉ. आलोक थक्कर ने बताया कि इस तरह के केस में अब नई दवाएं आ गई हैं, सर्जरी से नर्व को रिपेयर कर दिया जाता है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने किया कार्यशाला शुभारम्भ
आईसोकॉन (इंडियन सोसायटी ऑफ आटोलॉजी) की 32वीं राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो. सपी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि चिकित्सकों के बीमारी व इलाज पर विचार, शोध का वैचारिक मंथन ने निकला अमृत समाज के काम आएगा। लोगों को इलाज व जटिल बीमारियों से निजात दिलाने में मददगार होगा। उन्होंने एसएन मेडिकल कालेज की गौरवमयी गाथा का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय था जब देश के जाने माने राजनेता यहां इलाज कराने आते थे। इस गौरवशाली पन्नों को पलटकर फिर पटल पर लाना है, जो ड़ाक्टरों के सहयोग के बिना सम्भव नहीं है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सतीश जैन ने कहा कि नई तकनीकों के इस आदान प्रदान के कुम्भ में डॉक्टरों की भावी पीढ़ी के साथ मरीजों को भी लाभ प्राप्त होगा। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. राजीव पचैरी ने किया। संचालन डॉ. संजय खन्ना व एसएन मेडिकल कालेज ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. रितु गुप्ता ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. गौरव खंडेलवाल, मीडिया प्रभारी डॉ. आलोक मित्तल, डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता, डॉ. एलके गुप्ता, डॉ. मनीष सिंघल, डॉ. सलोनी सिंह बघेल आदि उपस्थित थे।
डॉ. राममूर्ति ने सम्भाला अध्यक्ष का पदभार
आईएसओ (इंडियन सोसायटी ऑफ आयोलॉजी) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. राममूर्ति ने पदभार सम्भालते हुए सोसायटी के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया। आईएसओ के संस्थापक डॉ. केके रामलिंगन व निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. रवि राम लिंगन ने डॉ. राममूर्ति, सचिव डॉ. इलेम भारती को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एसपी सिंह बघेल ने महाराष्ट्र के डॉ. गोस्वामी को लाइफ टाइम अचीवमेंट व डॉ. वाईसी यादव, एसएन मेडिकल कालेज ईएनटी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएस गिल, डॉ. केके रामलिंगन, डॉ. अबरार हसन को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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