Agra News: आए दिन जान ले रहे अवैध हथियार, पुलिस कमिश्नरेट का खुफिया तंत्र फेल

स्थानीय समाचार

आगरा । शहर में अवैध हथियार रखने, लहराने या अपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल करने के मामले तेजी से बढ़े हैं। अपराधों को अंजाम देने के लिए अपराधी अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं। इन घटनाओं से साबित होता है कि शहर में अवैध असलाह किस कदर खपाए जा रहे हैं। शहर में पिछले कुछ समय से लगातार गोली कांड की घटनाओं ने पुलिस महकमे की पेशानी में सिलवटें ला दी हैं।

शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्र में हुए गोली काण्डो ने शहर की कानून-व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। बड़ी बात यह है कि जहां-जहां गोली हुए उनमें अवैध हथियारों का ही उपयोग किया गया। इससे जाहिर होता है कि आगरा में अवैध हथियार का कारोबार बेखौफ होकर फल-फूल रहा है। यह अलग बात है कि इस अवैध हथियारों के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

अवैध हथियारों का ध्यान पुलिस का ध्यान चुनाव के समय ही जाता है। तब पुलिस जंगलों और खेत-खलिहानों तक से अवैध हथियार तो छोड़ो इनको बनाने वाली फैक्ट्रियां तक को खोज निकालती है और फिर बाद में शांत होकर बैठ जाती है। नतीजतन आग उगलते अवैध हथियार लोगों की जान ले रहे हैं। पुलिस अपराधियों को पकड़ती है उनसे तमंचा कारतूस बरामद भी करती है लेकिन यह हथियार उसे मुहैया कहां से हुआ, इसकी तह तक जाने की जहमत पुलिस नहीं उठाती। बस गुड वर्क के नाम पर खुद ही अपनी पीठ थपथपा लेती है।

शहर में बड़ी तादाद में खपाए जा रहे अवैध हथियार

ताजनगरी में अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त का धंधा बेखौफ किया जा रहा है। जिस तरह आए दिन फायर किए जा रहे उससे साबित होता है कि शहर में बड़ी तादाद में अवैध हथियार खपाए जा रहे हैं। सवाल उठता है आखिर अवैध हथियारों का यह कारोबार कहां और किसके इशारे पर चल रहा है। किसकी शह पर चल रहा है। इसका खुलासा आगरा पुलिस को करना चाहिए। गत माह पुलिस ने अवैध हथियारों के सौदागरो के गैंग का खुलासा किया था। बड़ी संख्या में असलाह बरामद किए थे, लेकिन बाद में पुलिस ने उस गैंग के नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश नहीं की

अवैध हथियारों की धर पकड़ को कवायद

शहर में लगातार अलग-अलग जगहों पर हुए गौलीकांड के बाद सजग हुई पुलिस ने रात में चेकिंग अभियान शुरू किया है। जैसीपी सिटी सोनम कुमार के नेतृत्व में बड़े दिनों के बाद पुलिस सड़को पर दिखाई दे रही है। बीती रात भी पुलिस ने देर रात तक शहर के चिन्हित प्वाइंटी पर दोपहिया और चौपहिया वाहनों की चेकिंग की। हालाकि चेकिंग अभियान में भले ही कोई सफलता न मिली, लेकिन अपराधियों में एक खौफ जरूर कायम हुआ है। पुलिस की चेकिंग की चर्चा आम लोगों में होने लगी है। इससे जहां लोगों में भरोसा जागा है। अपराधियों की गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी।

अपराधी पकड़े जाते हैं, नहीं पकड़े जाते हैं अवैध हथियार सप्लाई करने वाले

कई मामलों में पुलिस अपराधी तक पहुंचती है। अपराधी के पास से अवैध हथियार को भी बरामद करती है, लेकिन वह अवैध हथियार उसने खरीदा कहाँ से इसके बार में कोई जानकारी नहीं करती। पुलिस अगर ईमानदारी से जांच करे तो अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।

पुलिस कमिश्नरेट का खुफिया तंत्र फेल

पुलिस कमिश्नरेट आगरा का खुफिया तंत्र भी अवैध हथियारों के कारोबार की टोह लेने में फेल साबित हो रहा है। खुफिया विभाग के लोग आफिस में बैठकर ही अपनी जिम्मेदारी निभा देते हैं। जनता के बीच जाकर खुफिया जानकारी एकत्रित करने का माद्दा उनमें नहीं रहा। अगर खुफिया विभाग सजगता दिखाएं तो अवैध असलहों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

साभार- NNI