नगर आयुक्त बडे़ बकायेदारों की सूची तैयार करा रहे, बैंक खाते सीज करने के साथ ही कुर्की भी की जाएगी
आगरा। बड़े बकायेदारों के विरुद्ध नगर निगम अब जल्द सख्त कदम उठाने की तैयारी कर चुका है। पचास हजार से अधिक के बकायेदारों की सूची तैयार कर उनके बैंक खातों को सीज कर कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने दिए हैं। नगर आयुक्त ने कर वसूली संबंधी समीक्षा बैठक के दौरान ये सख्त तेवर दिखाए।
स्मार्ट सिटी कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी कर वसूली में तेजी लाने के लिए हर संभव उपाय करें। सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि पचास हजार और एक लाख से अधिक के बकायेदारों की अलग-अलग सूची तैयार कर उनसे वसूली में तेजी लाई जाए। ऐसे बकायेदार जिन्होंने पिछले साल या पहले टैक्स जमा नहीं कराया है, उनके खिलाफ खाता सीज और कुर्की की कार्रवाई अमल में लाई जाए।
जिन होटल, मैरिज होम, हास्पिटल संचालकों ने टैक्स जमा नहीं कराया है, उनकी सूची बनाकर उन पर कुर्की की कार्रवाई की जाए। नगरायुक्त ने केंद्र व राज्य सरकार के ऐसे कार्यालयों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिये हैं, जिन्होंने नगर निगम को संपत्ति कर जमा नहीं कराया है।
गैर आवासीय संपत्तियों से 33.02 करोड़ मिलेंगे
नगर आयुक्त के अनुसार नगर निगम ने गैर आवासीय संपत्तियों को लेकर जीआईएस सर्वे कराया था। सर्वे के दौरान 79239 संपत्तियों को चिह्नित किया गया था, जिसमें से 62454 पर करारोपण करने की कार्रवाई की जा रही है। इससे निगम को 33.02 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। चिह्नित की गई इन संपत्तियों में से 19878 पर करारोपण कर 16.59 करोड़ का टैक्स वसूला जा चुका है। बकाया संपत्तियों से कर वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
इस साल है तीस प्रतिशत अधिक वसूली का लक्ष्य
अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को पूर्व में वसूले गये राजस्व से तीस प्रतिशत अधिक कर वसूली का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के अनुरुप जो भी राजस्व निरीक्षक कर की वसूली नहीं कर पायेगा उस पर कार्यवाही तय है।
बीते साल मात्र एक लाख ने दिया हाउस टैक्स
पिछले साल नगर निगम द्वारा कराये गये सर्वे में नगर निगम सीमा में सवा तीन लाख घर और सम्पत्तियों की पहचान की गयी थी। इनमें से साल 2023-24 के दौरान सिर्फ एक लाख लोगों के द्वारा ही कर जमा कराया गया था। सवा लाख के करीब सम्पत्तियां ऐसी थीं जिन्होंने कर जमा ही नहीं कराया था।
इसी प्रकार साल 2022-23 में नगर निगम को 86 हजार करदाताओं ने ही टैक्स अदा किया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में करदाताओं की संख्या बढ़कर एक लाख से अधिक हो गयी है।
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