आगरा। आज्ञा भई अकाल की तबहि चलायो पंथ सब सिखन को हुक्म है गुरु मानयो ग्रंथ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी का 316वां गुरता गद्दी गुरु पूरब श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ गुरुद्वारा दशमेश दरबार शहीद नगर विभव नगर आगरा पर मनाया गया। आयोजित समागम में श्रद्धालु गुरु के दर्शन आशीर्वाद के लिए परिवार सहित पहुंचे। पाठ श्री रेहरास साहिब जी के साथ शब्द कीर्तन कथा से संगते निहाल हुई। गुरु रूप संगत के दर्शन को अमृतसर से आए कीरतनी भाई लवजीत सिंह तथा हजूरी रागी अर्शदीप सिंह ने संगत को कीर्तन कथा का गायन कर निहाल किया।
1, आजा भई अकाल की तबही चलायो पंथ सब सिखन को हुक्म है गुरु मानयो ग्रंथ,,,, रहम तेरी सुख पाया,,,,, धुर की बाणी आई तिन सगली चिंत मिटाई,,,,,, सतगुरु दया करें सुख दाता,,,,अवर उपाव सब त्यागया,,,,, जैसे कीर्तनों पर भक्त झूमते नजर आये। जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारो से गुरुद्वारा गुंजायमान होता रहा।
गुरुद्वारे को भव्य फूलों की सजावट और आकर्षक जगमग रोशनी से सजाया गया। गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह का विशेष सहयोग रहा। गुरु प्यारी संगत का प्रबंधक कमेटी द्वारा आदर सत्कार किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधान हरपाल सिंह, राजू सलूजा, गुरु सेवक श्याम भोजवानी, मलकीत सिंह, सुरेंद्र सिंह लवली, गुरिंदर सिंह ओबरॉय, देवेंद्र सिंह जुल्का, सुरेंद्र सिंह लाडी, इंद्रजीत सिंह संत, अमरजीत सिंह भसीन, हरजिंदर सिंह, आज्ञा सिंह, बंटी चावला, कृपाल सिंह, सनी सिंह, प्रमोद अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।
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