Agra News: गुरुद्वारा दशमेश दरबार में हुआ भव्य अमृत संचार का आयोजन

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आगरा। ‘‘मिल पीवो भाई अमृत नाम निधान है’’। सिख धर्म के दसवें गुरु साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज द्वारा सर्वप्रथम अमृत संचार की शुरुआत की गई। पांच प्यारों द्वारा खंडे बाटे के अमृत को ग्रहण करके खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। इसी कड़ी में आज गुरुद्वारा दशमेश दरबार, शहीद नगर विभव नगर, आगरा में भव्य अमृत संचार का आयोजन किया गया। अकाल तख्त साहिब से पधारे पंच प्यारो ने अमृत अभिलाषियों को अमृत की दात दी।

इस अवसर पर वीर महेंद्र पाल सिंह द्वारा अमृत रस कीर्तन से सभी को प्रभु चरणों से जोड़ा। उन्होंने ‘‘मिल पीवो भाई अमृत नाम निधान है’’ का गायन कर सभी को भक्ति रस में डुबो दिया। उन्होंने बताया की अमृत की दात से ही गुरु के सिख में न्यारापन आता है और उसके अंदर-बाहर सच, संतोष, संयम, सहनशीलता का अमृत बरसता है और अमृत की दात लेकर गुरु का सिख खालसा बन जाता है खालसा अर्थात खालिस जिसमें कोई मिलावट न हो उन्होंने सभी गुरु के प्यारो से जिन्होंने अमृत की दात नहीं ली उनसे अमृत छकने की अपील की। अंत में उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी की रचना ‘देह शिवा बर मोहे ए है शुभ करमन ते कबहूं न टरों’ का गायन कर पूरे माहौल को जोशमय बना दिया।

इस अवसर पर अमृत पान करने वालों में हरपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह लवली, मलकीत सिंह, परमजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह लाडी, जसविंदर कौर, कुलबीर कौर भसीन, जसकरण सिंह, इकबाल कौर, अमरीक जीत सिंह, इंद्रजीत कौर, अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही जिसमें प्रबंधक कमेटी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया। राजू सलूजा, गुरु सेवक श्याम भोजवानी, इंद्रजीत सिंह वाधवा, गुरिंदर सिंह ओबेरॉय, देवेंद्र सिंह जुल्का, अमरजीत सिंह भसीन, हरजिंदर सिंह, संजय सेठ, गुरुद्वारा प्रमुख सरदार हरपाल सिंह ने सारी संगत का धन्यवाद किया।


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