आगरा। चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा संजय प्लेस स्थित एक होटल में “खाद्य संस्करण, सरकारी नीतियां एवं अनुदान” विषय पर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें फूड प्रोसेसिंग उद्योग की संभावनाओं, सरकारी योजनाओं और तकनीकी नवाचारों पर चर्चा हुई।
अध्यक्ष राजकुमार भगत ने कहा कि शहर से निर्यात होने वाले उत्पादों में फूड प्रोसेसिंग का बड़ा योगदान हो सकता है। सरकारी अनुदान योजनाओं पर सीए आरके जैन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, वेयरहाउसिंग और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू हैं। सौर ऊर्जा के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है, जो उद्योगों की ऊर्जा लागत को काफी कम कर सकता है।
उन्होंने बताया कि मेगा फूड पार्क, फिश प्रोसेसिंग, ऑर्गेनिक फूड, रेडी टू ईट, और रेडी टू कुक उत्पादों के लिए भी विशेष अनुदान उपलब्ध हैं। एमएफपीएस मेगा फूड पार्क स्कीम) के अंतर्गत क्लस्टर आधारित विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि सही मार्केटिंग और ब्रांडिंग के जरिए यह क्षेत्र एक बड़ा आर्थिक आधार बन सकता है।
फूड साइंस एंड ट्रेनिंग सेंटर के प्रधानाचार्य प्रो. बलवीर सिंह ने कहा कि बदलती जीवनशैली और उपभोक्ता की सुविधा को देखते हुए रेडी टू ईट उत्पादों की मांग बढ़ रही है। राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षक लोकेश सेंगर ने कहा कि फूड इंडस्ट्री में उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा बनाए रखने और वेस्टेज कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाना अनिवार्य है।
कार्यक्रम का संचालन मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महासचिव अनुज सिंघल ने दिया।
प्रारंभ में कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन आगरा कोल्ड स्टोरेज ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल, चैंबर ऑफ़ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल, संरक्षक विष्णु कुमार गोयल, संरक्षक अजय अग्रवाल, सुभाष चंद्र गोयल, राजेश अग्रवाल, दिनेश राठौड़, लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता, राजीव बंसल, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अनिल शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। उपाध्यक्ष आशीष गर्ग ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी।