आगरा। नौफरी गांव में पुलिस की बर्बर कार्रवाई के एक-एक कर चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। थाना शमसाबाद क्षेत्र के गांव बाकलपुर निवासी रोहित ठाकुर, जो शमसाबाद से बिजलीघर के बीच ऑटो चलाता है, इस पुलिसिया बर्बरता का शिकार बन गया। रोहित का कहना है कि वह तो ऒटो चलाकर रोजी-रोटी कमाता है। किसी करणी सेना के बारे में सुना तक नहीं है। फिर भी उस पर पुलिसिया कहर बरपा।
घटना के दिन रोहित रोज़ की तरह ऑटो चला रहा था। शमसाबाद रोड पर जाम के कारण नौफरी मोड़ पर दो सवारियां वहीं उतर गई थीं। वह सवारियों से किराया ले रहा था, तभी वहां आए एक दरोगा ने अचानक उसका गिरेबान पकड़ लिया और घसीटते हुए पुलिस की गाड़ी में ठूंस दिया और पुलिस चौकी पर ले गया।
बकौल रोहित, पुलिस के दरोगा का कहना था कि वह बवाल का वीडियो बना रहा है, जबकि रोहित बार-बार सफाई देता रहा कि उसने कोई वीडियो नहीं बनाई। पुलिस ने उसका मोबाइल छीन लिया और कहा कि यदि कुछ नहीं निकला, तो छोड़ देंगे। लेकिन इसके उलट पुलिस ने उसकी बेरहमी से उसकी पिटाई शुरू कर दी।
पिटाई के बाद रोहित को जेल भेज दिया गया। मेडिकल के लिए ले जाते वक्त भी उसे धमकाया गया कि अगर उसने मुंह खोला तो फिर से तोड़ा जाएगा। दो दिन तक उसका ऑटो सीएनजी पंप पर खड़ा रहा। जब परिवार को पता चला तो किसी तरह उसकी जमानत कराई गई।
अब रोहित इतना डरा हुआ है कि घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं। उसका कहना है कि वह किसी सेना (करणी सेना) को जानता तक नहीं, फिर भी उसे झूठा फंसाकर प्रताड़ित किया गया।
नौफरी में पुलिसिया तांडव के मामले पुलिस कमिश्नर के संज्ञान में लाए जा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी जिम्मेदार पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं होने से पूरे इलाके में पुलिस के प्रति गहरा आक्रोश पनप रहा है।