आगरा: जिले में पुष्टाहार की कालाबाजारी को लेकर शासन ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे को निलंबित कर दिया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा पर भी तलवार लटक गई है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस घोटाले की गूंज शासन तक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद एक-एक लाभार्थी का सत्यापन किया जाएगा। चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3.50 लाख लाभार्थी हैं। प्राथमिक जांच में सुपरवाइजर सहित 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित हो चुकी हैं।
प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबरानी मौर्य जिले की ही रहने वाली हैं। उनके गृह जनपद में पुष्टाहार की कालाबाजारी का खेल उजागर हुआ है। अब तक पैकेट में दलिया, दाल और सोयाबीन पुष्टाहार के रूप में दिया जाता है, जिसे बाजार में बेचने के मामले सामने आए हैं। इसके जगह पर दलिया, खिचड़ी और अंकुरित चने समेत अन्य पका हुआ पुष्टाहार देने की तैयारी चल रही है।
पुष्टाहार की कालाबाजारी को लेकर मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद शासन ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे को निलंबित कर दिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। शासन ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी जल्द यहां आकर जांच करेगी।
कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने मीडिया से कहा कि कालाबाजारी रोकने के लिए पका हुआ पुष्टाहार बांटने पर विचार चल रहा है। बेबीरानी मौर्य ने बताया कि गरीब बच्चों के पुष्टाहार वितरण में जो गड़बड़ी सामने आई है, इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी जेल जाएंगे, विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। नेफेड की सप्लाई की जांच होगी। भविष्य में पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जा रही है।
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