एफमेक अध्यक्ष बोले- पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों और पांच सौ रु तक के जूते पर लागू नहीं होगा
आगरा: केंद्र सरकार द्वारा जूता व्यवसाय पर प्रस्तावित बीआईएस मानक का शहर भर के लघु जूता उद्यमियों द्वारा व्यापक विरोध शुरू हो गया है। इन उद्यमियों ने संयुक्त रूप से एक मंच पर आकर पत्रकारों के सामने अपनी परेशानी रखी और बी आई एस मानक का कड़ा विरोध करने का ऐलान किया।
इसी मंच पर अपनी बात रखते आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमैक) के अध्यक्ष पूरन डावर ने जानकारी दी कि हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई है, उन्होंने आश्वासन दिया है कि पांच सौ रुपये तक कीमत वाले जूतों के लिए बी आई एस मानक बाध्यकारी नहीं बनाया जायेगा और पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाली जूता कंपनियों को इस मानक के दायरे से बाहर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि बी आई एस मानक को लेकर सरकार की मंशा पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है, लेकिन कम लागत वाले जूतों पर भी इसे लागू किया गया तो जूते की कीमत बढ़ जाएगी और गरीब तबके के लिए जूता खरीदना मुश्किल हो जायेगा।
प्रेसवार्ता में जूता निर्माताओं के संगठन एफएफएम के अध्यक्ष कुलदीप सिंह कोहली ने कहा कि देश में सीधे तौर पर जूता फैक्ट्रियों में लगभग 50 लाख कर्मचारी काम करता है, बीआईएस जैसे सख्त कानून में यदि हमारी मांगों के अनुसार में आवश्यक संशोधन न हुए तो आधी से अधिक जूता फैक्ट्रियों पर ताले लग सकते हैं। यह देश की जीडीपी के लिए तो बड़ा झटका होगा ही यह बेरोजगारी का भी बड़ा संकट साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस मानक को लागू किए जाने के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को जूता व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे।
आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष गगनदास रामानी ने जूता उद्योग के सभी मुद्दों को विस्तार से उठाते हुए केन्द्रीय मंत्री को ज्ञापन भेजने की बात कही।
लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष भुवेश अग्रवाल ने बीआईएस के विरोध का पूर्ण समर्थन करते हुए इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाये जाने की बात कही। आगरा सोल एन्ड शू कंपोनेंट्स एसोसिएशन के सचिव अम्बा प्रसाद गर्ग ने कहा कि टेस्टिंग का पैमाना और प्रक्रिया क्या होगी यह भी स्पष्ट नहीं है यह सरल होनी चाहिए।
केंद्रीय भीम युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष पार्षद गजेंद्र पिप्पल ने कहा कि बीआईएस टेस्टिंग तथा प्रमाणन उन जूता निर्माताओं के लिए नहीं होना चाहिए जो छोटे स्तर पर अपना कारोबार कर रहे हैं। चन्दर सचदेवा, दीपक मनचंदा, एफएफएम के उपाध्यक्ष चंदर प्रकाश दौलतानी, सचिव संचित मुंजाल ने भी अपने विचार रखे। संचालन नकुल मनचंदा ने किया।
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