Agra News: दो गुटों में बटी माथुर वैश्य महासभा, एक दूसरे पर लगाए तमाम आरोप

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आगरा। अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा की आंतरिक कलह एक बार सामने आ गई है। स्वयं को महासभा का अंतरिम अध्यक्ष अवनीशकांत गुप्ता, मंडलाध्यक्ष अशोक गुप्ता और अन्य ने सोमवार को प्रेसवार्ता बुलाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता (बनारस) पर तमाम आरोप जड़े। इससे पहले माथुर वैश्य महासभा के इस गुट ने फतेहाबाद रोड स्थित एसएनजे ताज ग्राण्ड होटल में महासभा की मंडलीय परिषद की बैठक भी बुलाई।

पहला आरोप-दान की जमीन खुर्द-बुर्द की

इस गुट का पहला आरोप है कि अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता (बनारस) ने महासभा की दान की संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया है। अंतरिम अध्यक्ष अवनीशकांत गुप्ता ने कहा कि मथुरा स्थित महासभा को दान में मिले भूखण्ड को (2 करोड़ रुपये की अनुमानित क़ीमत) दुरभिसंधि करते हुए 21 लाख रुपये लेकर दानदाता सुशीला गुप्ता के पुत्र को राजीनामा के माध्यम से वापस कर दिया है। 5 फरवरी 2025 को समाज की ओर से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता, विनोद गुप्ता सर्राफ व अवनीश कान्त गुप्ता ने सिविल जज मथुरा के यहां इस मामले में वाद दायर किया, जिस पर न्यायालय ने स्टे प्रदान कर दिया है।

सहमति के बगैर होस्टल अतिथि गृह में बदला

इस गुट के महामंत्री मनोज गुप्ता ने कहा कि अशोक कुमार गुप्ता ने माथुर वैश्य छात्रावास के दानदाताओं की सहमति के बिना ही उसे तुड़वाकर माथुर वैश्य अतिथि गृह के रूप में परिवर्तित करना शुरु करा दिया। इसके बाद महासभा कार्यसमिति की अवहेलना करते हुए 12 जुलाई 2022 व सितम्बर 2022 में दो ट्रस्ट गठित कर समाज के पचकुईयां स्थित महासभा भवन स्थित भूखण्ड को माथुर वैश्य छात्रावास, करौली स्थित माथुर वैश्य महासभा मां कैला देवी भवन को मथुरा ट्रस्ट में निहित कर दिया।

चेन्नई सम्मेलन में मनमाफिक संशोधन हुए

मंडलाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने समाज के गढ़ आगरा की जगह 23-24 फरवरी 2024 को चेन्नई में प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन कर महासभा के पूर्व में प्रचलित विधान में अपने मनमाफिक संशोधन करा लिए। चेन्नई में पारित संशोधनों के विरुद्ध आगरा के मण्डलाध्यक्ष व 52 शाखा सभाओं के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने की मांग की गयी, किन्तु प्रतिनिधि सम्मेलन नहीं बुलाया गया।

आगरा मण्डल के द्वारा 7 जुलाई 2024 को आगरा में प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें 1500 से अधिक प्रतिनिधियों व 102 कार्यसमिति सदस्य उपस्थित थे, जिन्होंने विधानानुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को पदच्युत कर दिया, किन्तु हठधर्मी का परिचय देते हुए वह आज भी पदासीन है। उन्होंने लगभग 5.50 लाख रूपये की धनराशि माथुर वैश्य महासभा भवन पर पुलिस सुरक्षा हेतु जमा कर समाज की धनराशि का दुरुपयोग किया।

पंजीकरण होने पर भी नया रजिस्ट्रेशन कराया

महासभा के पूर्व अध्यक्ष राकेश कॉन्टेक्टर ने कहा कि महासभा का पूर्व में ही पंजीकरण होने के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2023 में आगरा में एक और नया पंजीकरण करा लिया गया, जिसके विरुद्ध भी रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी के यहां सुनवाई चल रही है। इसके अतिरिक्त वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विरोध में स्वर उठाने वाले अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री सहित काफी कार्यसमिति सदस्यों को समाज से निष्कासित कर दिया है।

इकाइयों के चुनाव में मनमर्जी

यह भी आरोप है कि अशोक गुप्ता (बनारस) स्थानीय इकाइयों के अपनी मनमर्जी से चुनाव करा रहे है। इस अवसर पर बैठक में रघुनाथ प्रसाद गुप्ता, राकेश कुमार, वीरेंद्र गुप्ता, विनय गुप्ता, दिवाकर गुप्ता, विनोद सर्राफ, संजय गुप्ता, मुकेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।

—–अशोक कुमार गुप्ता गुट का है ये जवाब—–

माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता (बनारस) पर अवनीशकांत गुप्ता गुट द्वारा लगाए गए आरोपों का महासभा के महामंत्री सुनील गुप्ता ने बिंदुवार जवाब देते हुए कहा है कि ये सारे आरोप निराधार हैं। सुनील गुप्ता ने कहा कि मथुरा के जिस भूखंड को बेचे जाने की बात कही जा रही है, वह दानदाता के पुत्र को वापस लौटाई गई है।

आरोप लगाने वाले भूखंड वापसी वाली समिति में थे

दानदाता के पुत्र से समझौता करने वाली पांच सदस्यीय टीम में आगरा के मंडलाध्यक्ष अशोक गुप्ता भी थे जो कि अब आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह छोटा सा भूखंड किसी काम में नहीं आ रहा था। इस पर दानदाता के पुत्र ने इसकी वापसी के लिए कोर्ट में केस कर दिया था। पांच सदस्यीय समिति ने दानदाता के पुत्र से 21 लाख रुपये महासभा के पक्ष में दान लेकर इस भूखंड को लौटाया है।

ट्रस्टियों को भरोसे में लेकर करा रहे काम

सुनील गुप्ता ने कहा कि यह आरोप भी बेबुनियाद है कि महासभा के ट्रस्टियों को भरोसे में लिए बगैर महासभा भवन का जीर्णोद्धार शुरू करा दिया गया। समाज के सभी लोग जानते हैं कि 2101 में सभी ट्रस्टियों की बैठक बुलाकर उनकी सहमति लेकर ये कार्य शुरू कराए गए। भवन और छात्रावास जर्जर हो चुके थे। ये लोग चाहते थे कि ये दोनों गिर जाएं। छात्रावास बंद चल रहा था और भवन घाटे में चल रहा था। यही नहीं, भवन व दुकानों का लाखों रुपये किराया भी महीनों बाद जमा किया गया।

अंतरिम अध्यक्ष का कोई विधान ही नहीं

श्री गुप्ता ने कहा कि श्री माथुर वैश्य महासभा में अंतरिम अध्यक्ष का कोई विधान नहीं है। कुछ लोगों ने खुद को अंतरिम अध्यक्ष घोषित कर माथुर वैश्य महासभा भवन में समानांतर गतिविधियां शुरू कर दी थीं। यह मामला आगरा की कोर्ट में गया, जहां से दूसरे पक्ष की गतिविधियों पर स्टे लगाते हुए स्पष्ट आदेश दिया गया कि माथुर वैश्य महासभा के अध्यक्ष के रूप में अशोक कुमार गुप्ता ही काम करेंगे।