आगरा: धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के आरोपी मदिया कटरा निवासी पूर्व विधायक जगन प्रसाद गर्ग के बेटे वैभव गर्ग, सौरभ गर्ग और उनकी पत्नी लक्ष्मी के खिलाफ कुर्की वारंट जारी हुआ है। कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर यह आदेश दिया गया।
सिकंदरा के नीरव निकुंज निवासी उत्तर प्रदेश वित्त निगम से सेवानिवृत्त धीरेंद्र सिंह ने अदालत में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया था। आरोप लगाया कि वर्ष 2014 में पता चला कि शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी पूर्व विधायक जगन प्रसाद गर्ग मदिया कटरा रोड पर मानसिक अस्पताल के सामने एक कॉलोनी बनाने जा रहे हैं। उन्होंने प्लाट खरीदने के लिए 13.50 लाख रुपये दे दिए।
कुछ दिनों के बाद पता चला कि जमीन पर स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों से उनका विवाद चल रहा है। इस कारण मैंने प्लॉट खरीदने से मना कर उनसे रुपये वापस मांगे। उन्होंने वर्ष 2019 में 13.50 लाख रुपये के बदले पांच चेक दिए। बैंक में चेक बाउंस हो गए। 10 अप्रैल, 2019 को पूर्व विधायक जगन प्रसाद गर्ग का निधन हो गया। इसके बाद उनके बेटों से रुपये वापस मांगे तो उन्होंने गाली-गलौज कर भगा दिया।
धीरेंद्र सिंह ने अधिवक्ता डॉ. अजित सिंह और मनोज कुमार के माध्यम से अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नौ जून, 2022 को मुकदमे में पूर्व विधायक के पुत्र वैभव गर्ग, सौरभ गर्ग और उनकी पत्नी लक्ष्मी को मुकदमे के विचारण के लिए अदालत में तलब किया था। कई बार प्रतिकूल आदेश पारित करने के बाद भी वे अदालत में हाजिर नहीं हुए। इस पर अदालत ने 24 फरवरी को कुर्की वारंट जारी करने के आदेश दे दिए।
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