आगरा। शहर में बुधवार की तड़के आर. मधुराज अस्पताल में आग लगने से संचालक समेत तीन की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और विभाग ने सभी भवनों के मानकों की जांच के लिए टीम तैयार कर दी है।
सीएमओ डॉ.अरुण कुमार श्रीवास्तव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि बिना मानकों के संचालित अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही होना तय है।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत 412 अस्पतालों में से शहर के सिर्फ दो-तीन अस्पतालों के पास ही अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) है। स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण कराने के लिए 50 बैड से ज्यादा क्षमता वाले अस्पतालों या नर्सिंग होम को अग्निशमन विभाग की एनओसी लेना अनिवार्य है, लेकिन यह नियम केवल दो-तीन अस्पताल ही पूरे कर रहे हैं। बाकी के अस्पताल लिखित पत्र में मानक पूरे करने की हामी भरकर दे रहे हैं, जिसके बाद उनका पंजीकरण होता है या नवीनीकरण होता है। वर्तमान में भी 22 अस्पतालों के पंजीकरण नवीनीकरण के लिए लंबित हैं।
पचास बैड से कम क्षमता वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम को लिखित में प्रार्थनापत्र देना होता है, जिसमें मानक पूरे करने की जानकारी के साथ ही अग्निशमन यंत्रों की फोटो खींच कर लगानी होती है। इसी आधार पर स्वास्थ्य विभाग पंजीकरण करता है।
सीएमओ ने बताया कि अग्निशमन विभाग से एनओसी लेना बहुत कठिन है, इसमें ज्यादातर अस्पताल और नर्सिंग होम फेल हो जाते हैं। शासन की सख्ती के बाद हमने भी नवीनीकरण की प्रक्रिया रोक दी है। जब तक वे एनओसी नहीं लेंगे, नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह जगनेर रोड स्थित आर मधुराज हास्पिटल में आग लग गई थी, जिसमें हास्पिटल के संचालक राजन और उनके पुत्र-पुत्री की मौत हो गई। फायर विभाग ने पिछले दिनों शहर के लगभग 100 से अधिक भवनों में अग्निशमन के इंतजाम नहीं होने पर नोटिस जारी किये थे। इनमें से 53 भवन हास्पिटल के हैं। अग्निशमन विभाग इन सभी को नोटिस जारी कर चुका है। एनओसी लेने की जगह अधिकारियों के पास सिफारिशें करवा दी हैं। हरीपर्वत क्षेत्र में बहुमंजिला भवन में संचालित हास्पिटल के रास्ते में अतिक्रमण है। नोटिसों का कोई असर नहीं हुआ। हास्पिटलों को दो-दो बार नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके बाद भी अग्निशमन इंतजाम पूरे नहीं किए गए हैं। इसकी रिपोर्ट प्रशासन को भी भेजी गई है।
इन हॉस्पिटलों को जारी हुए नोटिस
रवि हास्पिटल देहली गेट, ब्लोसम सुपर स्पेशलिटी, श्रीकृष्णा, रश्मि मेडिकेयर सेंटर, गोयल सिटी, पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी, उपाध्याय हास्पिटल, एसआर हास्पिटल, यशवंत हास्पिटल, साकेत हास्पिटल, जनरल वार्ड जिला अस्पताल, रामतेज, सफायर, जीवन ज्योति, एपेक्स मल्टीस्पेशलिटी, लोटस, खुशी, मंगलम, सर्वोदय, पर्ल्स, चाहर, प्राइम नर्सिंग होम, भूपेंद्र सिंह चौहान, नेशनल, कमला रावत, आयुष्मान, जावित्री देवी मेमोरियल, शेखर, आगरा मेडिकल एंड कार्डियक रिसर्च सेंटर, जीजी मेडिकल इंस्टीट्यूट, हेरीटेज, न्यू मां भगवती, देव आर्थो स्पाइन एंड ट्रोमा सेंटर, पंखुरा, सर्जरी ब्लाक एसएन, सचखंड, स्पंदन हेल्थ केयर, सदभावना, शिवदेवी, जीवन ज्योति, एचआर, सिकंदरा, आगरा मेडिसिटी, नीलकंठ, नेमीनाथ, आरोग्य, न्यू दिव्यांशी, सम्राट, श्रीराम, गोयल, दीपक, अरुण चाइल्ड।
ये हैं सुरक्षा मानक
1- आग से सुरक्षा के लिए होजरील, फायर अलार्म सिस्टम, प्रिंकलर व फायर हाइड्रेंट की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
2- इमारत के चारों तरफ इतनी चौड़ी सड़क होनी चाहिए, जिसमें आग लगने जैसी घटना में फायर बिग्रेड का वाहन चारों ओर आसानी से जाकर आग बुझा सके।
3- प्रवेशद्वार के पास पार्किंग नहीं होनी चाहिए, जिससे किसी भी घटना के समय लोगों को आसानी से बाहर निकाला जा सके। फायर ब्रिगेड को भवन के पास तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
4- बिजली के एक ही बोर्ड से कई कनेक्शन नहीं होने चाहिए। फायर स्टेयर (सीढ़ियां) होनी चाहिए।
5- दुर्घटना के समय इमारत के अंदर से बाहर लोगों को लाने के इंतजाम पुख्ता होने चाहिए, कई निकास द्वार होने चाहिए।
6- बालू व पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा होटल, अस्पताल व अन्य प्रकार की बहुमंजिला इमारतों में स्ट्रप पंप, फायर बीटर, सोडा एसिड, फोम विनिष्क्रिय गैस भी होनी चाहिए। इमारत के नीचे पानी का टैंक होना चाहिए।
-एजेंसी