आगरा: प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त और अनुशासनहीनता के चलते बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से इसी साल वर्ष बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के डा. धर्मपाल सिंह से हारकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट के लिए मजबूत दावेदारी भी की। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने चुनावी माहौल में भाजपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था। बसपा ने उन्हें एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित किया। पूरी दमदारी से वे चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं सके। इसके बाद वे बसपा से ही जुड़े रहे।
बसपा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें राकेश बघेल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने और लगातार अनुशासनहीनता करने आरोप लगाया। उन्हें समझाया भी गया, लेकिन उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना नहीं छोड़ा। जिसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया।
तीन दिन पहले ही छोड़ दी पार्टी
इस बारे में प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल का कहना है कि वह तीन दिन पहले ही पार्टी को छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं बहन कु. मायावती का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे चुनाव लड़ाया। मैं मान्यवर काशीराम की नीतियों पर काम करते हुए दलित, पिछड़े शोषित और किसानों की आगे भी सेवा करता रहूंगा।’
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