आगरा: मोतिया की बगीची निवासी नरेंद्र उपाध्याय इस मामले के वादी हैं। उन्होंने सहारा इन्डिया परिवार ग्रीप्स कांप्लेक्स कमला नगर से सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट लिए थे। यह उत्पाद 13 सितम्बर 2012 को चार हज़ार रुपये में खरीदे गए थे। वादी ने 15 जून 2013 को पत्नी स्मिता के नाम से दस-दस हजार रुपये के दो बॉन्ड और 21 जून 2013 को बीस हजार रुपये का एक बॉन्ड लिया था।
उस समय विपक्षी ने इसकी समय सीमा पांच साल की बताई थी। इसके बाद दो गुना राशि देने का वादा किया था। समय निकल जाने के बाद जब वादी रुपये मांगने पहुंचा तो विपक्षी ने कोई उत्तर नहीं दिया। वह उन्हें टहलाता रहा। इधर वादी को रुपयों की जरूरत पड़ी। उसकी मां की तबियत खराब हो गई। वह रुपयों के लिए चक्कर लगाता रहा। वादी की मां ने 17 सितंबर 2018 को दम तोड़ दिया। इसके बाद वादी ने उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।
उपभोक्ता फोरम (consumer forum) के प्रथम अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य अरुण कुमार ने वादी का वाद स्वीकृत कर लिया। इसके बाद विपक्षी सहारा इंडिया से निवेशित राशि (44 हज़ार) मय आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित, मानसिक उत्पीड़न एवं वाद व्यय के रूप मे पच्चीस हमार रुपये भी दिलाने के आदेश दिये।
-एजेंसी
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