आगरा। दीपावली पर्व के दौरान शहरवासियों द्वारा अपने घरों से बाहर निकाली गई लक्ष्मी गणेश और सरस्वती माँ की पुरानी मूर्तियों का ब्राह्मण परिषद ने विधिविधान के साथ विसर्जन कर दिया गया। दो दिनों में ब्राह्मण परिषद ने टेम्पों के माध्यम से दुकानों और मकानों से निकली तकरीबन 11000 श्री लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को एकत्रित किया। यमुना किनारे पहुँचकर ग्यारह ब्रह्मणों ने श्लोक एवं मंत्रोच्चारण करते हुए विधि विधान से विसर्जन किया।
ब्राह्मण परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि दीवाली के अवसर पर दुकानों और मकानों से पुरानी श्री लक्ष्मी गणेश आदि भगवान की मूर्तियां निकलती हैं जिन्हें लोग विसर्जित न कर मंदिरों व पेड़ पौधों या अन्य स्थानों पर रख आते हैं। वहां इनकी बेकदरी होती। इससे सनातनियों के हृदय को ठेस पहुंचती है। इसलिए ब्राह्मण परिषद पिछले कई सालों से ऐसी मूर्तियों को एकत्रित करके विसर्जन का कार्य कर रहा है।
इस वर्ष भी परिषद द्वारा शहर में मंदिरों, पार्कों सहित अन्य 101 स्थान बनाये थे। जिन पर लोगों ने अपने घर व दुकानों से पुरानी लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को रखा। ब्राह्मण परिषद ने इन्हें वाहनों के माध्यम से एकत्रित किया। आज इन सभी मूर्तियों को हाथी घाट लाया गया। जहां इन सभी मूर्तियों का विधि विधान के साथ विसर्जन किया।
संयोजक सुनील दुबे ने बताया कि हिन्दू धर्म में मूर्ति विसर्जन का अलग ही महत्व है। आज ब्राह्मण परिषद ने हजारों मूर्तियों को विसर्जित कर लोगों को धर्म और कर्म के प्रति जागरूक करने की कोशिश की है जिससे लोग इन पुरानी मूर्तियों को सड़क व पेड़ किनारे नहीं छोड़े। इससे उनकी बेकद्री होती है। पुरानी मूर्तियों का सिर्फ विसर्जन करें।
इस मौके पर राजेंद्र शर्मा, प्रमोद गुप्ता, राहुल चतुर्वेदी, ब्रह्मदत्त पंडित, राज बहादुर, अनुराग उपाध्याय, उमाधर पाठक, पवन सिकरवार, सुधीर राठौर, सपन दुबे, सुमित मुद्गल, यश ठाकुर, राजीव उपाध्याय, बोबी गोला, भूपेंद्र पाठक, बबलू चौहान, अवधेश शुक्ला, दीपक खंडेलवाल आदि उपस्थित रहे।
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