समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर व्यक्ति 140 करोड़ जनता में एक समान है और एक समान है तो एक नीति सभी की होनी चाहिए. ये संकल्प बीजेपी की रही है और ये संकल्प संविधान में भी है. आज जो 70 साल में नहीं हो पाया…तीन तलाक को हटाने और जम्मू-कश्मीर में 370 को रद्द करने का और पूरे देश में एक समान नीति स्थापित करने का जो असंभव कार्य था उसे प्रधानमंत्री ने पूर्व में संभव किया. सभी से चर्चा करने के बाद UCC भी हम लोग संभव करवाएंगे. ग्वालियर में उन्होंने ये बात कही.
इस मु्द्दे पर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में सिंधिया ने भी बयान दिया. उनके बयान से साफ है कि वो इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इसे सभी से बातचीत के बाद संभव किया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में यूसीसी के मुद्दे पर बयान दिया था. इसके बाद से ही राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा दोबारा से शुरू हो गई है. पीएम ने यूसीसी का जिक्र करते हुए पूछा था कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? उन्होंने ये भी कहा था कि इस इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा हैं.
बता दें कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर छिड़ी जुबानी जंग के बीच भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने बुधवार (28 जून) को कहा कि इस मामले पर सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया शुरू करने के केवल दो सप्ताह के भीतर आयोग को 8.5 लाख प्रतिक्रियाएं मिली हैं. विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए थे. न्यायमूर्ति अवस्थी ने बताया, ”कल तक हमें लगभग 8.5 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं.
Compiled: up18 News
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