आज सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी रिपोर्ट की रिपोर्ट को देखा और कहा कि 29 फोनों की जांच की गई और 5 फोन में कुछ मालवेयर पाए गए थे, लेकिन पेगासस जासूसी के कोई ठोस सबूत नहीं है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने की थी। अब इस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है और देश से माफी मांगने की मांग की है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए एक के बाद एक हमले कांग्रेस पर किये। उन्होंने इस दौरान कहा कि “21 से कहानी चल रही थी, बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई जिसमें कई बड़े एक्स्पर्ट्स थे। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि 29 में से 5 फोन में मालवेयर मिला है लेकिन स्पाइवेयर के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। ऐसे में अब देश के सामने बोलने का हमारा दिन है। कांग्रेस ने देशद्रोह का आरोप लगाया था और मानसून सेशन को होने नहीं दिया था।”
राहुल गांधी देश से मांगे माफी
उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी ने कहा था कि पेगासस भारत के लोकतंत्र को खत्म करने का एक प्रयास है। ये देश की संस्थानों और देश पर हमला है। इतना तूफान खड़ा किया था उन्होंने, क्या आज कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी माफी मांगेंगे? ये सब एक Motivated अभियान के तहत किया गया और इसका उद्देश्य केवल मोदी जी को कमजोर करने के लिए अनर्गल बयान देते रहना है।” वास्तव में राहुल गांधी, कांग्रेस और उससे जुड़े निकायों में पीएम मोदी को लेकर जहर भरा है और वो उन्हें नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं लेकिन झूठ की खेती बहुत दिन नहीं चलती। ‘
तीनों रिपोर्ट नहीं होगी सार्वजनिक
दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी रिपोर्ट की तीन भागों में पेश की गई। इनमें तकनीकी कमेटी की दो रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस आरवी रवींद्रन की देखरेख कमेटी की एक रिपोर्ट शामिल थी। इनमें से केवल एक ही रिपोर्ट को सर्वजनिक किया जाएगा। चीफ जस्टिस ने कहा, “हम अपनी वेबसाइट पर सिफारिश के बाद जस्टिस रवींद्रन की रिपोर्ट का तीसरा हिस्सा सार्वजनिक करेंगे।”
सरकार नहीं कर रही जांच में सहयोग
कमेटी ने पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित नहीं करने के लिए कहा है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि “पेगासस पैनल की रिपोर्ट का कुछ हिस्सा गोपनीय है और इसमें प्राइवेट इंफॉर्मेशन भी हो सकती है। कोर्ट ने रिपोर्ट देखने के बाद ये भी कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में पूरा सहयोग नहीं कर रही है।
चार हफ्ते बाद होगी पेगासस पर अगली सुनवाई
चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि “हम पूरी रिपोर्ट देखे बिना और फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। 5 फोन में मालवेयर मिला है लेकिन जासूसी के कोई सबूत नहीं मिले हैं। कल के बाद इस मामले पर टिप्पणी की जाएगी।” फिलहाल इस मामले की सुनवाई को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सरकार पर लगे थे जासूसी के आरोप
बता दें इस मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया था कि सरकार पेगासस स्पाईवेयर के जरिए लोगों की जासूस कर रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच कर रही टेक्निकल कमेटी को मई में 4 हफ्ते का समय दिया था। इस दौरान कमेटी को निर्देश दिए गए थे कि वो जांच करें कि क्या लोगों के फोन या अन्य डिवाइस में जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाईवेयर डाला गया था। अब इस मामले की सुनवाई को अगले 4 हफ्तों के लिए टाल दिया गए है।
-एजेंसी
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