चीन ने हाल ही में अपने मैप का नया एडिशन जारी किया है, जिसमें उसने भारत के इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया है. चीनी की इस चालबाजी पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि बेतुके दावे करने से दूसरों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता. एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में विदेशमंत्री ने कहा कि चीन को ऐसे नक्शे जारी करने की आदत है. हालांकि, अपने आधिकारिक मैप में अन्य देशों के क्षेत्रों को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है.”
उन्होंने कहा, “चीन ने उन क्षेत्रों के साथ अपना मैप जारी किया है जो उसके नहीं हैं. यह उसकी एक पुरानी आदत है. केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा. हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र में क्या करना है. बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता.”
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग
भारत ने चीन द्वारा जारी किए गए स्टेंडर्ड मैप को खारिज कर दिया है. इसमें चीन 1962 के युद्ध के दौरान कब्जे वाले अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहता है, वहीं अक्साई चिन पर भी अपने स्वामित्व का दावा करता है. भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और भविष्य में भी यह भारत का ही अंग रहेगा. गौरतलब है कि चीन ने यह मैप अगले वीकेंड पर नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन और पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी किया है.
इन क्षेत्रों को भी किया शामिल
नक्शे में शामिल किए गए अन्य विवादित क्षेत्रों में ताइवान और दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से भी शामिल हैं. चीन ने इन क्षेत्रों को भी अपना हिस्सा दिखाया है, जबकि चीन ने वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई पर भी अपना दावा किया है.
ग्लोबल टाइम्स ने शेयर किया नक्शा
इससे पहले चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर कहा था कि चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया है. इस नक्शे को चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है.
Compiled: up18 News
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