आगरा। शास्त्रीपुरम में एक दोपहिया वाहन के इंजन में पांच फुट लंबा रैट स्नेक मिला। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सांप को सुरक्षित रूप से बचाया और बाद में वापस जंगल में छोड़ दिया।
बढ़ते तापमान ने शहर की सरीसृप आबादी को ठंडे स्थानों की तलाश में बाहर निकलने के लिए मजबूर कर दिया है, जो अब काफी अप्रत्याशित जगहों पर देखे जा रहे हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस ने मछली पकड़ने के जाल में फंसे एक अजगर, टाटा मोटर्स के शोरूम के अंदर एक रैट स्नेक और यहां तक कि टेलीविजन सेट के पीछे बैठे जहरीले कोबरा सांप को भी बचाया है !
शास्त्रीपुरम के एक निवासी के लिए यह काफी चौकाने वाला दिन रहा, जब उन्होंने एक अजीबोगरीब सह-यात्री को अपने दोपहिया वाहन में घुसते हुए देखा। वह अपने घर के बाहर खड़े स्कूटर की सीट के नीचे पांच फुट लंबे सांप को देख चौंक गए।
उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर घटना की सूचना देते हुए सहायता का अनुरोध किया। जैसे ही बचाव दल ने सीट हटाई, पांच फुट लंबा सांप इंजन के ऊपर बैठा था, जिसे बाद में सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
फोन करने वाले पुष्पेंद्र कश्यप ने कहा, “सांप को वाहन के अंदर घुसते देख मैं शुरू में चौंक गया था l मैं वाइल्डलाइफ एसओएस टीम का आभारी हूं, जिन्होंने हमारी सहायता के लिए आने में कोई समय बर्बाद नहीं किया।”
एक अन्य घटना में, एनजीओ की रैपिड रिस्पांस यूनिट ने फतेहपुर सीकरी के पास मछली पकड़ने के जाल में फंसे पांच फुट लंबे अजगर को बचाया। सांप को सावधानीपूर्वक जाल से निकालने के बाद उसे उपचार के लिए ट्रांजिट फैसिलिटी में लाया गया।
टीम ने आगरा के किरावली के महुआर गाँव से आठ फुट लंबे अजगर को भी बचाया। सांप रेलवे ट्रैक के पास आ गया था जिसे समय रहते सुरक्षित बचा लिया गया।
इसके बाद अछनेरा के सकतपुर में घर के बेडरूम में रखे टेलीविजन सेट के पीछे कोबरा और आगरा के कुबेरपुर स्थित टाटा मोटर्स के शोरूम अशोक मोटर्स के स्टोर रूम से एक रैट स्नेक को भी रेस्क्यू किया। सभी साँपों को फिट करार दिए जाने के बाद उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “लोग अक्सर अपने आसपास सांप को देख घबरा जाते हैं, लेकिन आम धारणा के विपरीत, सांप कभी किसी को नुकसान नहीं पहुचाते, लेकिन उकसाने या डराए जाने पर वह काट सकते हैं। हमें खुशी है कि लोग हमारी हेल्पलाइन पर इस तरह की घटनाओं की सूचना देकर एक सहज कदम उठा रहे हैं। ”
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “कभी-कभी रेस्क्यू ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते है, क्योंकि हमारी टीम को जानवर के साथ-साथ बचाव अभियान को देखने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होती है। संवेदनशील रेस्क्यू ऑपरेशन में विशेषज्ञ टीम को धैर्य रखने के साथ-साथ स्थिति से निपटने के लिए उच्च स्तर का कौशल होना चाहिए। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करते रहें।”
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