फ़र्गस मैकलाउड सऊदी अरब की अरामको में इन्वेस्टर रिलेशन के प्रमुख हैं.
उन्होंने कहा है कि 12 जुलाई को पुलिस ने वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क के पास एक होटल से उन्हें गिरफ़्तार किया था. 62 साल के फ़र्गस को 18 जुलाई तक चमोली की जेल में रखा गया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस उनके फ़ोन के सहारे ही होटल तक पहुँची थी. मैकलाउड का कहना है कि वह होटल में फ़ोन ऑफ और ऑन कर रहे थे लेकिन दोस्तों को साथ छुट्टी के दौरान उन्होंने फ़ोन का इस्तेमाल नहीं किया था. उनके साथ सऊदी अरामको में काम करने वाले कुछ दोस्त भी थे. चमोली का एक हिस्सा चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगा है.
सैटेलाइट फ़ोन के कारण गिरफ़्तार
चमोली की एसपी श्वेता चौबे ने बताया कि चमोली पुलिस को अरामको के एक्जेक्युटिव के पास एक सैटेलाइट फ़ोन मिला था, जो कि नियम के ख़िलाफ़ है. चौबे ने कहा कि विदेशी नागरिक बिना अनुमति के सैटेलाइट फ़ोन न तो रख सकते हैं औ न ही इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत में यह ग़ैर-क़ानूनी है.
श्वेता चौबे ने कहा, ”उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि भारत में बिना अनुमित के सैटेलाइट फ़ोन रखना अवैध है. हमने नियम के तहत ही उन्हें गिरफ़्तार किया था. इसमें कुछ भी ग़ैर-क़ानूनी नहीं था.”
चमोली में गोविंद घाट पुलिस स्टेशन के अधिकारी नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 11 जुलाई को उन्हें इसकी जानकारी मिली थी कि एक विदेशी चीन से लगी सीमा पर सैटलाइट फ़ोन के साथ है.
रावत ने कहा, ”हमने इसकी पुष्टि के लिए पुलिसकर्मियों को भेजा और बाद में इसकी पुष्टि भी हुई. मैकलाउड वैली ऑफ फ्लावर आए थे और उन्हें वहीं से गिरफ़्तार किया गया. उन्हें इंडियन टेलिग्राफ़ एक्ट और इंडिया वायरलेस टेलिग्राफ़ी एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
गिरफ़्तारी के बाद उन्हें ज़िला जेल भेज दिया गया था. ज़मानत मिलने से पहले वह इस जेल में 18 जुलाई तक रहे थे. 27 जुलाई को 1000 रुपए के जुर्माने के बाद मुक़दमा वापस ले लिया गया था.”
Compiled: up18 News
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