राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के खिलाफ पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए देर रात पुलिस ने कार्रवाई की। इस कार्रवाई को लेकर मशहूर हस्तियों ने ममता बनर्जी नीत सरकार की आलोचना की है। शुक्रवार को एक ट्वीट में, एक्ट्रेस और डायरेक्टर अपर्णा सेन ने कहा, तृणमूल कांग्रेस सरकार भूख हड़ताल करने वालों के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। एक अहिंसक विरोध के खिलाफ धारा 144 जारी! क्यों? मैं पश्चिम बंगाल सरकार की अलोकतांत्रिक और अनैतिक कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं!
प्रसिद्ध बंगाली एक्ट्रेस रिद्धि सेन ने भी ट्वीट किया, एक न्यायोचित आंदोलन पर इस तरह के शर्मनाक हमले के लिए ममता बनर्जी और पुलिस पर शर्म आती है। राज्य सरकार को इस तरह के जघन्य कृत्य की कीमत चुकानी होगी।
वही, एक्ट्रेस श्रीलेखा मित्रा ने कहा कि जब कोई शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहा है, तो राज्य को उनके खिलाफ बल प्रयोग करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, अलग-अलग लुभावने योजनाओं के कारण लोग अंधे हो गए हैं। जो लोग लोकतांत्रिक आंदोलनों का सहारा ले रहे हैं, उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार, धमकाया और परेशान किया जा रहा है। मुझे असाइनमेंट से वंचित किया जा रहा है, क्योंकि मैं सोशल मीडिया में ऐसे मुद्दों पर विरोध करती हूं। .
अभिनेता बादशाह मोइत्रा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार ने एक उचित मामले पर विरोध कर रहे लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों के साथ असामाजिक तत्वों की तुलना की है।
उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने के लिए देर रात की पुलिस कार्रवाई कभी भी स्वीकार्य नहीं है। राज्य सरकार हमेशा प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू कर सकती है और समाधान पर पहुंच सकती है। जो कुछ भी हुआ है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पुलिस कार्रवाई को सही ठहराने में अपने रुख पर अडिग है।
पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, दरअसल, इन प्रदर्शनकारियों को माकपा और भाजपा लगातार उकसा रहे हैं। विपक्षी दल इस मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रहे हैं।
-एजेंसी
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